लोकतंत्र में भाजपा की आस्था नहीं, वे चाहते हैं तंत्र हावी रहे व लोक पीछे : अखिलेश यादव
लोकतंत्र में भाजपा की आस्था नहीं, वे चाहते हैं तंत्र हावी रहे व लोक पीछे : अखिलेश यादव
29 जुलाई । भाजपा की लोकतंत्र में जरा भी आस्था नहीं है। उसकी चाल है कि पूरा तंत्र ही लोक के हाथों से निकल जाए। उसकी मंशा है कि लोक पीछे रहे और तंत्र हावी रहे। लोकतंत्र खतरे में है। भाजपा के छल से लोकतंत्र को बचाने की दिशा में लोक की आवाज को कुचलने के प्रयासों पर प्रभावी रोक लगाने का काम समाजवादी पार्टी को करना है। ये बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार को डाॅ राममनोहर लोहिया सभागार में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि भाजपा अफवाहों के सहारे झूठ फैलाती है। भाजपा समाजवादी पार्टी को बदनाम करने की रणनीति बनाने में जुटी हुई है। सोशल मीडिया पर उसका कुप्रचार तंत्र चलता रहता है। सोशल मीडिया में कई भाजपाई छद्म नेता सपा समर्थक बनकर सपा के विरुद्ध अभद्र टिप्पणियां करते है और बेबुनियाद कुप्रचार करने की साजिशों में लगे रहते हैं। सपा के कार्यकर्ताओं को भाजपा की इन गतिविधियों से सावधान रहना है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कार्यकर्ताओं का दायित्व इसलिए बड़ा है कि उत्तर प्रदेश ही देश की राजनीति की दिशा तय करता है। भाजपा के कारण संवैधानिक संस्थाओं को भी क्षति पहुंच रही है। उन्हें कमजोर किया जा रहा है। वह निर्वाचन की निष्पक्षता को भी प्रभावित करने की साजिश करती है।
अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा का काम जनता को धोखा देना और धोखे में रखना है। साढ़े चार साल बीत गए और विधान सभा चुनावों में कुछ ही महीनें बचे हैं पर भाजपा कोई उपलब्धि नहीं बता सकती है। राज्य का विकास अवरूद्ध है। उन्होंने कहा कि भाजपा राज में हो रही हत्याओं से उत्तर प्रदेश में भय व्याप्त है। जनता ने भी तय कर रखा है कि वह 2022 के विधानसभा चुनावों में सपा को 350 सीटों पर विजयी बनाएगी। जब भाजपा झूठ बोलकर 324 सीटें जीत सकती है तो उससे ज्यादा सीटें समाजवादी पार्टी अपनी सरकार में हुए विकास कार्यों के बल पर क्यों नहीं जीत सकती है?