प्रदेश में भी ओबीसी जाति जनगणना कराने की मांग में याचिका
राज्य सरकार से चार हफ्ते में कोर्ट ने मांगा जवाब
प्रयागराज, 08 अगस्त (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में जातिगत जनगणना कराने की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने गोरखपुर के सामाजिक कार्यकर्ता काली शंकर की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति की गणना की गई है। वे क्रमशः 15 व 7.5 फीसदी है। जिनको आबादी के हिसाब से सुविधाएं दी जा रही है।
बी पी मंडल आयोग की शिफारिश 1931 की जाति जनगणना के आधार पर की गई थी। जिसमें सही आंकड़ा नहीं लिया गया था। इसलिए ओबीसी की जाति जनगणना की जानी चाहिए, ताकि सही संख्या का पता चले और उन्हें इसका लाभ दिया जा सके। क्योंकि जाति जनगणना न होने से पिछड़े समाज का बहुत ही अहित हो रहा है। कोर्ट इस याचिका पर चार सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।