पंचकोशी परिक्रमा का महर्षि भारद्वाज व भगवान शिव के अभिषेक से समापन
पंचकोशी परिक्रमा का महर्षि भारद्वाज व भगवान शिव के अभिषेक से समापन
प्रयागराज, 18 जनवरी। प्रयागराज की त्रिदिवसीय पंचकोशी परिक्रमा यात्रा के समापन दिवस पर बुधवार को श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अन्तरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के महामंत्री हरि गिरि जी महाराज, जूना अखाड़ा के अन्तरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहन्त स्वामी नारायण गिरि जी महाराज के नेतृत्व में सन्तों, प्रशासनिक अधिकारियों एवं श्रद्धालुओं ने महर्षि भारद्वाज तथा भगवान शिव का अभिषेक किया।
इसके पूर्व संत-महात्मा संगम पूजन कर कलश में जल भरकर महर्षि भारद्वाज आश्रम पहुंचे। जहां श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि जिस प्रकार देव मूर्तियों की परिक्रमा का विधान है, उसी प्रकार देवालय और तीर्थस्थलों की परिक्रमा का विधान है। देवता की तरह जहां उनका निवास होता है, वहां की भूमि भी पूज्य होने के कारण उस भूमि की परिक्रमा होती है। परिक्रमा से व्यापक समाज जुड़ता है, जिससे समाज में आपसी सौहार्द निर्मित होता है।
हरि गिरि महाराज ने कहा कि हमारे अनेक धर्मस्थलों के पास मांस मदिरा की दुकानें खोलकर हमारी भावना और आस्था को आहत करने का प्रयास किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं है। प्रशासन को सभी आस्था के केन्द्रों के आसपास नियम बनाकर ऐसी दुकानों और अधार्मिक गतिविधियों को प्रतिबंधित करना चाहिए। यात्रा में स्वामी बृजभूषणानन्द सरस्वती, किन्नर अखाड़ा, चण्डिका त्रिपाठी, पदुम नारायण द्विवेदी, महन्त नीलकण्ठ गिरि सहित सैकड़ों साधु-सन्त, प्रशासनिक अधिकारी एवं मीडियाकर्मी उपस्थित रहे।