सिराथू विधायक पल्लवी के खिलाफ एसडीएम की जारी नोटिस रद्द

चुनाव के दौरान नामांकन पत्र में गलत जानकारी देने पर जारी हुई थी नोटिस

सिराथू विधायक पल्लवी के खिलाफ एसडीएम की जारी नोटिस रद्द

प्रयागराज, 16 जुलाई । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिराथू जिला कौशाम्बी से विधायक पल्लवी पटेल के खिलाफ जारी एसडीएम सिराथू की नोटिस को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने याची विधायक के खिलाफ लगे आरोप कि उसने नामांकन फॉर्म में गलत तथ्य का उल्लेख किया और आपराधिक केस को छिपाया, इसकी जांच का निर्देश दिया है। परंतु कोर्ट ने कहा है कि जांच अधिकारी डिप्टी कमिश्नर से नीचे के रैंक का न हो।

यह आदेश जस्टिस सुनीता अग्रवाल तथा जस्टिस विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने याची विधायक पल्लवी पटेल की याचिका पर पारित किया है। कोर्ट ने याची के खिलाफ दिलीप पटेल व अन्य द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग से की गई शिकायत और उस पर आयोग, जिलाधिकारी व एसडीएम द्वारा की गई कार्रवाई को गलत माना है। कोर्ट ने यह भी कहा है जांच अधिकारी जांच से पहले शिकायतकर्ता की शिकायत के सत्यता की भी जांच करेंगे। याची की तरफ से सीनियर एडवोकेट अनिल शर्मा व सरोज कुमार यादव तथा विपक्ष की तरफ से अधिवक्ता राकेश पांडेय ने बहस की थी।

सिराथू की विधायक पल्लवी पटेल के निर्वाचन को लेकर हुई शिकायत के मामले में जारी नोटिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग की कार्रवाई पर तीखी नाराजगी जाहिर की थी। कोर्ट ने कहा था कि एक चुने प्रतिनिधि के खिलाफ कैसे नोटिस जारी कर दी? वह भी एक उप जिला मजिस्ट्रेट के जरिए। आयोग ने खुद क्यों जांच नहीं की? वह उप जिला मजिस्ट्रेट से क्यों जांच करा रहा है। क्या आयोग का इरादा जनप्रतिनिधि का उत्पीड़न किए जाने का है? कोर्ट ने निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता से पूछा था कि आयोग एक संवैधानिक संस्था है। उसके पास चुनाव से जुड़े मामले की जांच करने के लिए खुद ही शक्ति है। वह कैसे उप जिला मजिस्ट्रेट को यह काम सौंप सकता है।

आयोग की तरफ से कोर्ट को बताया गया था कि याची के खिलाफ आयोग के समक्ष यह शिकायत आई कि उन्होंने अपने नामांकन के दौरान हलफनामे में आपराधिक मामले की जानकारी छुपाई है। आयोग ने उस शिकायत का संज्ञान लेते हुए उप जिलामजिस्ट्रेट को जांच के आदेश दिए। उपजिला मजिस्ट्रेट ने याची से उनका पक्ष जानने के लिए नोटिस जारी की है। इस पर कोर्ट ने तीखी नाराजगी जताई थी।

उधर, विधायक पल्लवी पटेल की ओर से तर्क दिया गया था कि याची के खिलाफ शिकायत एक सियासी साजिश के तहत की गई है। याची 2022 के विधानसभा चुनाव में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को हराकर चुनाव जीती है। इस वजह से उसके खिलाफ इस तरह की शिकायत कर उत्पीड़न किया जा रहा है।