नेताजी को आईएसआई एजेंट बताने वाले यशवंत सिन्हा के समर्थन पर पुनर्विचार करें अखिलेश : शिवपाल

नेताजी को आईएसआई एजेंट बताने वाले यशवंत सिन्हा के समर्थन पर पुनर्विचार करें अखिलेश : शिवपाल

नेताजी को आईएसआई एजेंट बताने वाले यशवंत सिन्हा के समर्थन पर पुनर्विचार करें अखिलेश : शिवपाल

लखनऊ, 16 जुलाई । प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने राष्ट्रपति चुनाव के मतदान से एक दिन पूर्व लिखे पत्र ने हलचल पैदा कर दी है।

चाचा शिवपाल ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भतीजे अखिलेश यादव को नसीहत देते हुए पत्र में कहा है कि नेताजी मुलायम सिंह यादव का अपमान व आईएसआई एजेंट बताने वाले राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के समर्थन पर पुनर्विचार करेें। यह पत्र प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने अपने आफिशियल ट्वीटर हैंडिल से जारी करते हुए दी। पत्र के साथ उन्होंने राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा द्वारा दिए बयान वाला समाचार पत्र भी पोस्ट किया है।

पत्र में शिवपाल ने यह लिखी बातें

प्रसपा के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कल से शुरू होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव से पूर्व शनिवार को पत्र के जरिए अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि 'मैं आपका और समाजवादी पार्टी के शुभचिंतकों का ध्यान एक बेहद गंभीर व संवेदनशील विषय की ओर दिलाना चाहता हूं। यह नियति की अजीब विडम्बना है कि समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में उस व्यक्ति का समर्थन किया है, जिसने हम सभी के अभिभावक और प्रेरणा व ऊर्जा के स्रोत आदरणीय नेताजी को उनके रक्षा मंत्रित्व काल में पाकिस्तानी गुप्तचर संस्था आईएसआई का एजेंट बताया था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि समाजवादी पार्टी को राष्ट्रपति प्रत्याशी के तौर पर एक अदद समाजवादी विरासत वाला नाम न मिला। यह कहते हुए मुझे दुःख और क्षोभ हो रहा है कि जो समाजवादी कभी नेताजी के अपमान पर आग बबूला हो जाते थे, आज उसी विरासत के लोग नेताजी को अपमानित करने वाले व्यक्ति का राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन कर रहे हैं। ऐसा लगने लगा है कि पूरी पार्टी मजाक का पात्र बनकर रह गई है।'


शिवपाल ने कहा कि अखिलेश , मुझे अपनी सीमाएं पता है, आप समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं, ऐसे में मेरा सुझाव है कि उपरोक्त बिंदुओं के आलोक में अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। कहा, मुझे अपनी सीमाएं पता है। आप समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं। ऐसे में मेरा सुझाव है कि मेरे दिए गए पत्र का आलोक करते हुए एक बार उम्मीदवार के समर्थन पर पुनर्विचार किया जाए।