प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिर चला बुंदेलखंड में भाषाई अस्त्र
मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठा पंडाल,विपक्षी भी करते हैं नकल करने का प्रयास

झांसी,16 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यूं ही विश्व के श्रेष्ठतम नेताओं में शुमार नहीं किया जाता है। वह किसी भी क्षेत्र में जाकर वहां की जनता की नब्ज टटोलना जानते हैं। आज बुंदेलखंड के जालौन स्थित कैथरी गांव में समय से पहले तैयार हुए बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे का लोकार्पण करने के बाद अपने संबोधन में बुंदेलखंड के लोगों का दिल जीत लिया। स्थानीय भाषा का अस्त्र चलाकर उन्होंने न केवल उपस्थित लाखों लोगों को सम्मोहित कर लिया बल्कि लोगों को मोदी-मोदी के नारे लगाने पर मजबूर कर दिया। उनको देखकर उनके विपक्षी भी उनके नक्शे कदम पर चलने का प्रयास करते हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन को शुरू करते हुए सबसे पहले बुंदेली भाषा को अपना हथियार बनाया। एक बुंदेलखंडी के अंदाज में उन्होंने कहा- बुंदेलखंड की जा वेद व्यास की जन्मस्थली और हमाई बाईसा महारानी लक्ष्मी बाई की जा धरती पें हम बेर बेर आबे कौ अवसर मिलो। हमें भौतई खुशी है। उन्होंने आगे कहा कि यह एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड की गौरवशाली परंपरा को समर्पित है। और इसके साथ ही पूरा पंडाल मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठा।
दरअसल आज उन्होंने बुंदेली भाषा का प्रयोग पहली बार नहीं किया है। इससे पहले वह झांसी में राष्ट्र रक्षा समर्पण दिवस पर भी इसका प्रयोग कर चुके हैं। उन्हें देखकर कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी बुन्देलखंडी भाषा का प्रयोग विधानसभा चुनाव से पूर्व जिला मुख्यालय महोबा में जनसभा के दौरान किया था।