चैत्र नवरात्रि के साथ शुरू हुआ नव संवत्सर, मंदिरों में उमड़ी भीड़
चैत्र नवरात्रि के साथ शुरू हुआ नव संवत्सर, मंदिरों में उमड़ी भीड़
चंडीगढ़, 02 अप्रैल। चैत्र मास के नवरात्रों के साथ ही विक्रमी संवत 2079 की भी शुरुआत हो गई है। हिंदू पंचांग के अनुसार आज से नव संवत की शुरुआत अर्थात नये वर्ष की शुरुआत हुई है। पहले नवरात्र के अवसर पर हरियाणा के मंदिरों में मां दुर्गा के प्रथम रूप मां शैलपुत्री की पूजा की जा रही है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां शैलपुत्री की पूजा करने से अच्छा स्वास्थ्य और मान-सम्मान मिलता है। मां शैलपुत्री की पूजा करने से उत्तम वर की प्राप्ति होती है।
कोरोना काल के बाद यह पहला मौका है जब नवरात्रों में श्रद्धालु पहले की तरह माता के दरबार में नतमस्तक हो रहे हैं। कोरोना को लेकर लगाई गई लगभग सभी पाबंदियां अब समाप्त हो चुकी हैं। मंदिरों के बाहर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल को भी तैनात किया गया है।
हरियाणा के पंचकूला स्थित ऐतिहासिक शक्ति पीठ माता मनसा देवी में सुबह से ही श्रद्धालुओं का आवागमन जारी है। हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने मनसा देवी पहुंचकर पूजा-अर्चना की।
अंबाला कैंट के हिल रोड स्थित प्राचीन कालीबाड़ी मंदिर गौरवमयी विरासत सजोए हुए है। मंदिर की स्थापना वर्ष 1870 में फुटबाल खिलाड़ी एसडी चटर्जी के पिता उषा नाथ चटर्जी ने की थी। मंदिर में अब चटर्जी परिवार की चौथी पीढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की व्यवस्था संभाल रही है। इस मंदिर में भी श्रद्धालु आज सुबह से पूजा के लिए आ रहे हैं।
इसी तरह कुरुक्षेत्र के ऐतिहासिक भद्रकाली मंदिर में दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इस मंदिर में हर साल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु माथा टेकने पहुंचते हैं। हरियाणा के झज्जर स्थित बेरी में, गुरुग्राम के शीतला माता मंदिर में पहले नवरात्रे के अवसर पर श्रद्धालु माथा टेकने के लिए पहुंच रहे हैं।