वादकारी का अटूट भरोसा कायम रखना वकीलों के लिए बड़ी चुनौती : मुख्यमंत्री योगी
इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के 150 वें स्थापना दिवस पर सीएम ने सस्ता व सुलभ न्याय देने की वकालत की
प्रयागराज, 04 फरवरी । इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के 150वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वादकारी का अटूट भरोसा कायम रखना वकीलों के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने हाई कोर्ट परिसर में आयोजित बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में वकीलों की बड़ी भीड़ को सम्बोधित करते हुए कहा कि वकीलों के प्रति वादकारी का जो अटूट भरोसा है उसे कायम रखना होगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोगों को सस्ता और सुलभ न्याय मिले इसके लिए बार व बेंच दोनों को मिलकर काम करना होगा। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए टकराव की नहीं बल्कि सामूहिक रूप से न्यायपालिका और कार्यपालिका को मिल-जुल कर कार्य करने की जरूरत है। हाई कोर्ट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने सरकार द्वारा अधिवक्ताओं के हितों के लिए किए जा रहे कार्यों का भी लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। कहा कि न्याय कार्य को बेहतर बनाने के लिए जिलों में भवनों के निर्माण से लेकर सभी बुनियादी काम किए जा रहे हैं। इसके साथ ही सरकार अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए भी कटिबद्ध है। उन्होंने इलाहाबाद को शिक्षा का हब बनाने का भी आश्वासन दिया। सीएम योगी ने कहा कि वाहन पार्किंग और अधिवक्ता चैंबर्स के लिए मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के निर्माण के लिए सरकार ने 640 करोड़ रुपये फंड पहले ही जारी कर दिया है। इसके अलावा इलाहाबाद को शिक्षा का हब बनाने के लिए उनकी सरकार कटिबद्ध है। इस क्षेत्र में वह काम कर रही है। राष्ट्रीय स्तर का डॉ राजेंद्र प्रसाद विधि विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए जिला प्रशासन से भूमि अधिग्रहण के लिए कहा है। इसका प्रस्ताव पहले की कैबिनेट से पास हो चुका है। भूमि अधिग्रहीत होते ही इस काम में तेजी लाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि अधिवक्ता कल्याण निधि के तहत युवा अधिवक्ताओं को पांच लाख की सहायता के लिए सरकार पहले की आदेश जारी कर चुकी है। इसके अलावा कोविड के दौरान भी मृतक अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता के रूप में 111 करोड़ 85 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। एक अन्य मद में 47 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। सीएम ने कहा कि इलाहाबाद, लखनऊ, श्रावस्ती, कासगंज सहित कई जिलों में न्यायालयों के कक्ष, अधिवक्ताओं चैंबर्स की स्थापना के लिए धन आवंटित कर दिया गया है।
इसके साथ ही और जिलों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। इसके अलावा कई जिलों में न्यायालयों के लिए इंटीग्रेटेड भवनों के निर्माण पर कार्य चल रहा है। इन इंडीग्रेटेड भवनों में कमिश्नरेट के साथ न्यायालय कक्षों की भी स्थापना की जाएगी। जिससे कि न्याय पाने के लिए लोगों को बहुत परेशान न होना पड़े। यह एक तरह का मॉडल भी होगा।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल ने कहा कि लंबित वादों के मामले में अब यूपी तीसरे स्थान पर आ गया है। जबकि, पहले लंबित मामलों में यूपी पहले स्थान पर था। उन्होंने इसके लिए जिला स्तर पर कार्य कर रहे न्यायिक अफसरों की तारीफ भी की। कहा कि आए दिन हो रही लोक अदालतों की बदौलत यूपी में लंबित मामलों की संख्या पहले के मुकाबले कम हुई है। अब महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल का नाम यूपी से पहले है। उन्होंने इसके लिए अधिवक्ताओं को भी धन्यवाद दिया। कहा कि बार के सहयोग से ही ऐसा हो सका है। उन्होंने कहा कि बार और बेंच एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों एक ही व्यवस्था के लिए कार्य कर रहे हैं। अधिवक्ताओं के सहयोग से ही हाई कोर्ट को बुलंदियों पर लेकर जाएंगे। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने वकीलों की समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया तथा कहा कि प्रयागराज में शिक्षा का हब बनाया जाए जो पहले भी हुआ करता था।