महाकुम्भ : दोना-पत्तल विक्रेताओं को दुकान आवंटन कर पर्यावरण अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा

400 स्कूलों के प्राचार्यों संग स्वच्छता पर हुई विशेष बैठक

महाकुम्भ : दोना-पत्तल विक्रेताओं को दुकान आवंटन कर पर्यावरण अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा

प्रयागराज, 28 नवम्बर। प्रयागराज में आयोजित महाकुम्भ को स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बनाने की अनूठी पहल की जा रही है। जिसके तहत प्लास्टिक फ्री महाकुम्भ का संकल्प लिया गया है। इस अभियान का उद्देश्य श्रद्धालुओं को स्वच्छ वातावरण प्रदान करना और प्लास्टिक के उपयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित करना है। इसके लिए सीएम योगी के निर्देश पर विभागीय समन्वय के साथ ही अनेक कदम उठाए जा रहे हैं।


--श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ वातावरणमहाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त वातावरण देने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए विभिन्न दोना-पत्तल विक्रेताओं को दुकान आवंटन कर, पर्यावरण अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा दिया जा रहा है। जल्द ही आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी। इसके बाद मेला क्षेत्र पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त होगा और यहां केवल दोना-पत्तल की ही बिक्री हो सकेगी।

--400 स्कूल प्राचार्यों संग बैठक

400 स्कूलों के प्राचार्यों के साथ स्वच्छता पर विशेष बैठक आयोजित की गई है। छात्रों को स्वच्छता का संदेशवाहक बनाकर प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ की जागरूकता बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 4 लाख बच्चों और प्रयागराज के पांच गुना नागरिकों तक स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल महाकुम्भ की पहल को पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

--गंगा सेवादूतों की तैनाती

1500 से अधिक गंगा सेवादूतों को तैनात किया जा रहा है, जो मेले में स्वच्छता अभियान चलाएंगे और श्रद्धालुओं को प्लास्टिक के उपयोग से बचने के लिए प्रेरित करेंगे। इनकी ट्रेनिंग की शुरुआत हो चुकी है और आवश्यकता अनुसार इनकी संख्या में वृद्धि किए जाने की भी योजना है।

--हर घर दस्तक अभियान

प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए ‘हर घर दस्तक’ अभियान चलाया जा रहा है, ताकि हर व्यक्ति इस पहल में सहभागी बन सके। इसके साथ ही, सभी सुविधा पर्चियों में प्लास्टिक फ्री महाकुम्भ का संदेश दिया जा रहा है, ताकि श्रद्धालु जागरूक रहें और प्लास्टिक का उपयोग न करें।

--सख्त निर्देश

महाकुम्भ में तैनात सभी संस्थाओं और विक्रेताओं को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे प्लास्टिक मुक्त कुम्भ के नियमों का पालन करें। उल्लंघन करने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की भी चेतावनी दी गई है। दूसरी तरफ, तमाम संस्थाओं ने भी प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ का संकल्प लिया है और वो भी इस अभियान में मददगार की भूमिका निभा रहे हैं। इस पहल के माध्यम से महाकुम्भ को न केवल स्वच्छ बनाया जाएगा, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण का एक आदर्श उदाहरण भी बनेगा। श्रद्धालु इस महाकुम्भ में स्वच्छता और आस्था के साथ पर्यावरण को बचाने के अभियान में भी सहभागी बनेंगे।