भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था चौपट : अखिलेश यादव
भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था चौपट : अखिलेश यादव
लखनऊ, 28 अप्रैल । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में जंगल राज कायम है। भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था चौपट है। सत्ता का अहंकार भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं के सिर चढ़कर बोलने लगा है। वे कानून का शासन नहीं अपनी मनमर्जी का शासन चलाने को बेकरार है।
शासन-प्रशासन सरकार की मंशा के अनुसार जनता के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। जनता के प्रतिनिधि ही सरकार के लिए दिक्कतें पैदा कर रहे हैं। परेशान जनता अब भगवान भरोसे जीने को मजबूर है।
इसका जीता जागता सबूत बलिया के सहतवार थाना क्षेत्र में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने पहुंचे तहसीलदार को भाजपा विधायक केतकी सिंह के लोगों ने रोक दिया। सत्ता की हनक में अवैध निर्माण के संरक्षण का यह कोई पहला उदाहरण नहीं है। कई स्थानों पर ऐसी कहानी दोहराई गई है।
लखनऊ में सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट पीने से मना करने पर दबंग भाजपा नेता दक्ष जोशी ने साथियों के साथ मिलकर दारोगा से अभद्रता की। यूपी में अपराधियों के हौसले बुलन्द हैं। राजनीतिक प्रश्रय पाकर भाजपाई कार्यकर्ता अब कानून को अपने हाथ में लेने के साथ ही बेलगाम होकर कानून के पालनहारों पर सरेआम हाथ भी उठा रहे हैं।
कन्नौज में जांच के लिए गई महिला दारोगा और सिपाही पर जानलेवा हमला कर घायल कर दिया गया। बरेली में दारोगा ने युवती से दुष्कर्म किया और गर्भवती होने पर गर्भपात कराया। जब पुलिस ही बहन बेटियों और महिलाओं का उत्पीड़न करेगी तो उन्हें इंसाफ कौन देगा? विज्ञापनों में झूठा प्रचार करने वाली उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री जी के लॉ-एण्ड-आर्डर की सच्चाई जनता के सामने है।
समाजवादी सरकार में जहां यूपी डायल 100 की पुलिस सेवा अपराध नियंत्रण के लिए दी गई थी। वहीं, भाजपा सरकार की पुलिस कहीं भी, कभी भी लोगों को मृत्यु बांटने का काम निरन्तर कर रही है। प्रदेश की पुलिस अपने हाथ में कानून लेकर फैसले कर रही है। कानपुर में पुलिस पिटाई से युवक की मृत्यु हो गई। शासन और प्रशासन के संरक्षण में नागरिकों की हत्याएं हो रही हैं, ऐसे में कोई कैसे सुरक्षित रह सकता है? कानून को अपना काम करने नहीं दिया जा रहा है।
बरेली में नशे में धुत सिपाही ने गरीब की गुमटी में कार घुसा दी। सच तो यह है कि भाजपा सरकार और पुलिस प्रशासन अहंकार के नशे में धुत है। जनता बेचारी न्याय के लिए दर-दर भटक रही हैं। उन्हें न्याय देने वाला कोई नहीं है।