कानपुर बिकरू कांड : मुख्य आरोपी विकास दुबे की पत्नी रिचा की याचिका खारिज
कानपुर बिकरू कांड : मुख्य आरोपी विकास दुबे की पत्नी रिचा की याचिका खारिज
प्रयागराज, 05 अक्टूबर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे की पत्नी ऋचा दूबे को राहत देने से इंकार कर दिया है।
कोर्ट ने दूसरे व्यक्ति का सिम कार्ड इस्तेमाल कर कपट व धोखाधड़ी के आरोप में दाखिल चार्जशीट व मजिस्ट्रेट के संज्ञान लेने के आदेश व मुकद्दमे की कार्यवाही पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है और याचिका खारिज कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने ऋचा दूबे की याचिका पर दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता प्रभाशंकर मिश्र व राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बहस की। याची अधिवक्ता का कहना था कि याची के खिलाफ एसआईटी रिपोर्ट पर कानपुर नगर के चौबेपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस चार्जशीट दाखिल होने के बाद रमाबाई नगर कानपुर देहात की विशेष अदालत में आपराधिक केस चल रहा है। मजिस्ट्रेट ने पुलिस चार्जशीट को संज्ञान में लेकर सम्मन जारी किया है। जिसकी वैधता को चुनौती दी गई है।
याची का कहना था कि उसके पास मोबाइल फोन नहीं है। जो नंबर वह इस्तेमाल कर रही है वह उसके नौकर महेश का है। उसे कोई आपत्ति नहीं है। फोन से कोई अपराध नहीं किया गया है। बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे की पत्नी होने के नाते झूठा फंसाया जा रहा है।
3 जुलाई 20 को बिकरू गांव में शूट आउट में आठ पुलिस अफसरों की मौत हो गई थी। घटना से डरकर नौकर सीतापुर भाग गया और अपना मोबाइल फोन छोड़ गया है। पुलिस ने तथ्यों पर विचार किए बगैर मैकैनिकल तरीके से चार्जशीट दाखिल की है। कोर्ट ने भी इसका संज्ञान लेकर सम्मन जारी किया है। कहा गया था कि पूरी कार्यवाही रद्द की जाय।
राज्य सरकार का कहना था कि 19 नवम्बर 20 को याची के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। अनापत्ति लिए बगैर सिम याची के नाम कर लिया गया है। जो कि केन्द्र सरकार की गाइडलाइंस का खुला उल्लंघन है। यह अपराध है। 2017 से ही याची महेश के मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रही है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुकद्दमे की कार्यवाही पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी।