इस्लामिक जिहाद से सनातन धर्म की रक्षा करने काे बड़ी पहल करेगा जूना अखाड़ा
इस्लामिक जिहाद से सनातन धर्म की रक्षा करने काे बड़ी पहल करेगा जूना अखाड़ा
-संतों का सबसे पहला कर्तव्य सनातन धर्म की रक्षा करना
-बांग्लादेश सहित सम्पूर्ण विश्व में हो रहे हिंदू नरसंहार पर गंभीर चिंतन हेतु धर्म संवाद अति आवश्यक
महाकुम्भ नगर, 13 जनवरी (हि.स.)। संतों का सबसे पहला कर्तव्य सनातन धर्म की रक्षा करना है। बांग्लादेश सहित सम्पूर्ण विश्व में हो रहे हिन्दू नरसंहार पर गंभीर चिंतन के लिए धर्म संवाद अति आवश्यक है। इस्लामिक जिहाद से सनातन धर्म की रक्षा के लिए सबसे बड़ी एवं गंभीर पहल करेगा श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा। यह बात सोमवार को पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के मौके पर मीडिया से प्रयागराज महाकुंभ में श्री दूधेश्वरनाथ मठ के शिविर में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरी जी महाराज व महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कही। ।
उन्होंने कहा कि इस्लामिक जिहाद के परिपेक्ष में सनातन धर्म सहित सम्पूर्ण मानवता की रक्षा हेतु श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े द्वारा 25 जनवरी को सनातन धर्म के सभी अखाड़ों, पंथों और सम्प्रदायों के प्रमुख धर्मगुरुओं व भारत के सभी हिंदू संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ताओं के मध्य होने वाले धर्म संवाद के विषय में जानकारी देने के लिए आयोजित की गई।
श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि संतों का सबसे पहला कर्तव्य सनातन धर्म की रक्षा करना है। हम सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण तक देने में संकोच नहीं करेंगे।सनातन के अहिंसा प्रेम को सनातन के शत्रुओं ने हमारी कमजोरी मान लिया है और वो सनातन का अस्तित्व मिटाने पर उतारू हो गए हैं।पर हमें कमजोर समझना उनकी भूल है। हम राम और कृष्ण को मानने वाले हैं।अब हम हिंदुओ समाज को राम और कृष्ण का नाम लेने के स्थान पर राम और कृष्ण के पथ पर चलाने का प्रयास करेंगे।
श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि बांग्लादेश,पाकिस्तान सहित सम्पूर्ण विश्व में इस्लामिक जिहादियों द्वारा हिंदुओं का लगातार हो रहा नरसंहार बहुत ही चिंता का विषय है। इसके मूल कारणों और इससे निबटने की रणनीति बनाने हेतु सनातन धर्म के सभी अखाड़ों,पंथों और सम्प्रदायों के धर्मगुरुओं के बीच समन्वय स्थापित करके ठोस रणनीति तैयार करने हेतु श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के शीर्ष अधिकारी मुख्य संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरी महाराज, अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरी महाराज, अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज के मार्गदर्शन में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा 25 जनवरी 2025 को धर्म संवाद का आयोजन कर रहा है।
इस आयोजन की व्यवस्था जगदम्बा महाकाली डासना वाली का परिवार और यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन संयुक्त रूप से करेंगे।यह धर्म संवाद प्रयागराज महाकुंभ से आरंभ होकर विश्व के हर देश तक पहुंचेगा और विश्व के सभी गैर मुस्लिमो को इस्लामिक जिहाद से वैचारिक रूप से जूझने के लिए तैयार करेगा। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े का यह प्रयास अभी सनातन धर्म के धर्म गुरुओं के लिए है परंतु जल्दी ही विश्व के सभी गैर मुस्लिम धर्मगुरुओं को इससे जोड़ा जाएगा।
-संतों का सबसे पहला कर्तव्य सनातन धर्म की रक्षा करना
-बांग्लादेश सहित सम्पूर्ण विश्व में हो रहे हिंदू नरसंहार पर गंभीर चिंतन हेतु धर्म संवाद अति आवश्यक
महाकुम्भ नगर, 13 जनवरी (हि.स.)। संतों का सबसे पहला कर्तव्य सनातन धर्म की रक्षा करना है। बांग्लादेश सहित सम्पूर्ण विश्व में हो रहे हिन्दू नरसंहार पर गंभीर चिंतन के लिए धर्म संवाद अति आवश्यक है। इस्लामिक जिहाद से सनातन धर्म की रक्षा के लिए सबसे बड़ी एवं गंभीर पहल करेगा श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा। यह बात सोमवार को पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के मौके पर मीडिया से प्रयागराज महाकुंभ में श्री दूधेश्वरनाथ मठ के शिविर में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरी जी महाराज व महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कही। ।
उन्होंने कहा कि इस्लामिक जिहाद के परिपेक्ष में सनातन धर्म सहित सम्पूर्ण मानवता की रक्षा हेतु श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े द्वारा 25 जनवरी को सनातन धर्म के सभी अखाड़ों, पंथों और सम्प्रदायों के प्रमुख धर्मगुरुओं व भारत के सभी हिंदू संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ताओं के मध्य होने वाले धर्म संवाद के विषय में जानकारी देने के लिए आयोजित की गई।
श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि संतों का सबसे पहला कर्तव्य सनातन धर्म की रक्षा करना है। हम सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण तक देने में संकोच नहीं करेंगे।सनातन के अहिंसा प्रेम को सनातन के शत्रुओं ने हमारी कमजोरी मान लिया है और वो सनातन का अस्तित्व मिटाने पर उतारू हो गए हैं।पर हमें कमजोर समझना उनकी भूल है। हम राम और कृष्ण को मानने वाले हैं।अब हम हिंदुओ समाज को राम और कृष्ण का नाम लेने के स्थान पर राम और कृष्ण के पथ पर चलाने का प्रयास करेंगे।
श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि बांग्लादेश,पाकिस्तान सहित सम्पूर्ण विश्व में इस्लामिक जिहादियों द्वारा हिंदुओं का लगातार हो रहा नरसंहार बहुत ही चिंता का विषय है। इसके मूल कारणों और इससे निबटने की रणनीति बनाने हेतु सनातन धर्म के सभी अखाड़ों,पंथों और सम्प्रदायों के धर्मगुरुओं के बीच समन्वय स्थापित करके ठोस रणनीति तैयार करने हेतु श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के शीर्ष अधिकारी मुख्य संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरी महाराज, अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरी महाराज, अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज के मार्गदर्शन में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा 25 जनवरी 2025 को धर्म संवाद का आयोजन कर रहा है।
इस आयोजन की व्यवस्था जगदम्बा महाकाली डासना वाली का परिवार और यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन संयुक्त रूप से करेंगे।यह धर्म संवाद प्रयागराज महाकुंभ से आरंभ होकर विश्व के हर देश तक पहुंचेगा और विश्व के सभी गैर मुस्लिमो को इस्लामिक जिहाद से वैचारिक रूप से जूझने के लिए तैयार करेगा। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े का यह प्रयास अभी सनातन धर्म के धर्म गुरुओं के लिए है परंतु जल्दी ही विश्व के सभी गैर मुस्लिम धर्मगुरुओं को इससे जोड़ा जाएगा।