जम्मू-कश्मीर : पंचतत्व में विलीन हुए शहीद देव राज
जम्मू-कश्मीर : पंचतत्व में विलीन हुए शहीद देव राज
कठुआ, 23 अप्रैल । पुलवामा में आतंकियों ने 18 अप्रैल को रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवानों पर हमला कर दिया था। इसमें दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसमें एक जवान उसी दिन शहीद हो गया था, जबकि सब इंस्पेक्टर देव राज का श्रीनगर हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था लेकिन 6 दिनों के बाद शुक्रवार की देर रात को वह भी शहीद हो गए।
शनिवार शाम को शहीद का पार्थिव शरीर जम्मू से जगतपुर गांव उनके पैतृक आवास पर पहुंचा। जगतपुर श्मशान घाट में शहीद देव राज का अंतिम संस्कार किया गया।
शनिवार की शाम पांच बजे सब इंस्पेक्टर देव राज का पार्थिव शरीर जैसे ही घर की दहलीज पर पहुंचा तो वृद्ध माता-पिता का मानो कलेजा फट सा गया हो। देर तक वह अपने बेटे के पार्थिव शरीर को निहारती रही और फिर उससे लिपटकर बिलखने लगी। यही हाल शहीद की पत्नी का रहा। पति के शव को देखते ही वह बेसुध हो गई। शहीद के बेटों ने किसी तरह अपने को संभाला और फिर घर के सदस्यों को संभालने का प्रयास करने लगे। पिता बोले कि बेटे पर गर्व है। उसने देश के लिए शहादत दी, लेकिन पूरी उम्र बेटे का गम उन्हें रहेगा।
अंतिम यात्रा के दौरान सड़क के दोनों किनारों पर लोगों द्वारा पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षा की गई और जयकारों के साथ साथ भारत माता की जय के नारे लगाए गए। जगतपुर मटांडी गांव से श्मशान घाट तक भारत माता की जय... और शहीद देव राज अमर रहे... के जयकारे गूंजते रहे। पिता संत राम, माता कृष्ण देवी, पत्नी पोली देवी, और बेटा संसार चंद, नरेश चंद, मुकेश चंद, समेत सभी परिजन ताबूत से लिपटकर बिलखते रहे। अंतिम दर्शन के बाद घर से 6 बजे अंतिम यात्रा शुरू हुई। जगतपुर श्मशान घाट पर आरपीएफ के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर शहीद को अंतिम विदाई दी। उनके अंतिम संस्कार में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।
इस दौरान डोगरा स्वाभिमान संगठन के संस्थापक व पूर्व मंत्री लाल सिंह, एमसी लखनपुर के पूर्व अध्यक्ष अरुण शर्मा, रविंद्र शर्मा, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के डीआईजी विवेक सागर, एसएसपी शशि कुमार लखनपुर थाना प्रभारी विजय कोतवाल सहित लखनपुर के आसपास के लोग शामिल हुए।