महाकुम्भ से सम्बन्धित राजमार्गाें व सेतु निर्माण के कार्याें को 25 दिसम्बर तक पूर्ण करने के निर्देश

मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्गाें के कार्याें व सड़क परियोजनाओं की समीक्षा की

महाकुम्भ से सम्बन्धित राजमार्गाें व सेतु निर्माण के कार्याें को 25 दिसम्बर तक पूर्ण करने के निर्देश

लखनऊ, 30 नवंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रयागराज महाकुम्भ-2025 से सम्बन्धित राष्ट्रीय राजमार्गाें के कार्याें व सड़क परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गये कि सम्बन्धित राष्ट्रीय राजमार्गाें, बाईपास, इनर रिंग रोड व सेतु निर्माण के शेष कार्याें को हर-हाल में आगामी 25 दिसम्बर तक पूर्ण कर लिया जाए। इन निर्माण कार्याें की गुणवत्ता पूर्णतः सुनिश्चित की जाए तथा सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-30 (रायबरेली से प्रयागराज खण्ड) में 04 स्थानों-जगतपुर, बाबूगंज, ऊंचाहार, आलापुर पर निर्माणाधीन बाईपास में से 02 पूर्ण हो चुके हैं, शेष दो को भी समय से पूरा करा लिया जाए। ऊंचाहार बाईपास पर निर्माणाधीन आर0ओ0बी0 के काम में अनावश्यक विलम्ब न हो। फाफामऊ में गंगा नदी पर बने सेतु के समानान्तर नये 06-लेन सेतु एवं पहुँच मार्ग को तय समय में पूर्ण किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ-2025 भारत की धार्मिक, सांस्कृतिक व सामाजिक विरासत का समागम है। महाकुम्भ में देश और दुनिया से करोड़ों श्रद्धालुओं व पर्यटकों का आगमन होगा। श्रद्धालुओं व पर्यटकों की सुविधाओं व व्यवस्थाओं के दृष्टिगत केन्द्र व राज्य सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित कर रही हैं। राष्ट्रीय राजमार्गाें में 20 किलोमीटर पर एम्बुलेन्स और रिकवरी व्हीकल तथा विशेष परिस्थितियों से निपटने के लिए पेट्रोलिंग वाहन तथा क्रेन की व्यवस्था की जाए।


योगी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर घटनाओं के मामले में त्वरित राहत के लिए मौजूदा घटना प्रबंधन प्रणाली के साथ सभी नजदीकी अस्पतालों की मैपिंग होनी चाहिए। प्रयागराज की ओर आने वाले सभी राजमार्गाें में सी0सी0टी0वी0 तथा स्ट्रीट लाइट्स की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। महत्वपूर्ण स्थानों पर अतिरिक्त स्ट्रीट लाइट्स भी लगायी जाएं। महाकुम्भ जाने वाले मार्गों पर टोल प्लाजा के पास अतिरिक्त शौचालय और राष्ट्रीय राजमार्गों पर पेयजल सुविधाएं, पर्याप्त चिकित्सा एवं यातायात सहायता पोस्ट की व्यवस्था कराई जाए। महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं/पर्यटकों के सुखद अनुभव के लिए यह सुनिश्चित किया जाए कि राष्ट्रीय राजमार्ग गड्ढा मुक्त हों।

मुख्यमंत्री ने लखनऊ-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग और बाँदा-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग, गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग के मरम्मत की आवश्यकता बताई, जिस पर केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने एन0एच0ए0आई0 के अधिकारियों को इनके सुदृढ़ीकरण के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद सिद्धार्थनगर के नौगढ़ से शोहरतगढ़ होते हुए तुलसीपुर (जनपद बलरामपुर) तक के मार्ग का सुदृढ़ीकरण आवश्यक है, जिस पर सहमति जताते हुए केन्द्रीय मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने अलीगढ़, देवीपाटन, झांसी, मीरजापुर व सहारनपुर मण्डल में रिंग रोड का प्रस्ताव तैयार किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 53 जनपदों में बाईपास उपलब्ध हैं तथा 08 बाईपास निर्माणधीन हैं। प्रदेश के 10 जनपदों-औरैया, बुलन्दशहर, मैनपुरी, बहराइच, बागपत, भदोही, सम्भल, कौशाम्बी, चन्दौली व श्रावस्ती में बाईपास बनाये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार किये जाएं। उन्होंने गोरखपुर-शामली मार्ग व कानपुर-गाजियाबाद मार्ग के डी0पी0आर0 शीघ्र बनाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री की इस विशेष समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश में नए सड़क प्रोजेक्ट पर भी चर्चा की गई। बरेली में एनएच 530बी के सुदृढ़ीकरण, प्रतापगढ़ जिले में एक बाईपास, प्रयागराज-दोहरीघाट मार्ग को 2 लेन से 4 लेन, बाराबंकी-जरवल-बहराइच मार्ग (एनएच 927) के निर्माण, कबरई-कानपुर कॉरीडोर के निर्माण के संबंध में डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।

इस अवसर पर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह, लोक निर्माण राज्य मंत्री बृजेश सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव लोक निर्माण अजय चौहान, प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग एवं राजमार्ग मंत्रालय, एन0एच0ए0आई0 एवं लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।