कम लिखने वाले महंत नरेन्द्र ने कैसे लिखा सात पेज का सुसाइड नोट, उठे सवाल
महंत का जिस रस्सी से लटका मिला शव, एक दिन पहले सेवादार लेकर आया था
प्रयागराज, 21 सितम्बर । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। कमरे में मिले सात पेज के सुसाइड नोट को लेकर यहां के कई सेवादारों और शिष्यों से बातचीत की गई तो पता चला कि महंत बहुत कम लिखते थे, उन्हें जब कुछ लिखवाना होता था तो अपने शिष्यों को बुलवाते थे। शिष्यों का कहना है कि यह सुसाइड नोट किसी और ने लिखा है। इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।
सच्चाई से पर्दा उठा सकते हैं सेवादार सेवादार बबलू व सुमित
महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले की जांच कर रही पुलिस को सेवादार बबलू और सुमित की भूमिका संदिग्ध लगी है। इस आधार पर अन्य शिष्यों से भी उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। प्राथमिक पूछताछ में यह पता चला है कि महंत ने बीती रविवार को बबलू से कपड़ा सुखाने के लिए एक नायलन की रस्सी मंगवायी थी, जिससे उनका शव फांसी पर लटका हुआ मिला था। फॉरेंसिक टीम ने रस्सी को अपने कब्जे में ले लिया है। साथ ही इस पर मौजूद अंगुलियों के निशान के सैंपल भी एकत्र कर लिए। इसके अलावा सुसाइड नोट व कमरे में रखी ग्लास व अन्य सामान से भी फिंगर प्रिंट के नमूने एकत्र किए।
महंत के कक्ष के बाहर सबसे पहले पहुंचे थे बबलू और सुमित
पुलिस पूछताछ में यह भी बात सामने आयी है कि महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को जब अपने कक्ष से बाहर नहीं आए तो सबसे पहले बबलू और सुमित गए थे। इन्हीं दोनों ने ही दरवाजा खोला और फिर शव को फांसी के फंदे से नीचे उतारा। कमरे में जाने से पहले महंत ने कहा था कि उन्हें कुछ देर के लिए एकांत में रहना है, कोई परेशान नहीं करेगा। इसी बीच उनका फोन भी बंद रहेगा। फिलहाल पुलिस सभी बिन्दुओं पर जांच कर रही है, जल्द ही इसका खुलासा होगा।
प्रयागराज के आईजी रेंज केपी सिंह का कहना है कि प्रथम दृष्टया मामला खुदकुशी का लग रहा है। शिष्यों की सूचना पर मैं अन्य पुलिस अफसरों संग मौके पर पहुंचा, तब तक शव नीचे उतारा जा चुका था। मौके से सुसाइड नोट मिला है। उसकी फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी।