हाईकोर्ट ने श्रमिक को तीन लाख एकमुश्त राशि देने का दिया निर्देश
हाईकोर्ट ने श्रमिक को तीन लाख एकमुश्त राशि देने का दिया निर्देश
प्रयागराज, 25 सितम्बर । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नौ वर्ष सेवा के बाद हटाये गये श्रमिक को 64 साल की आयु में एकमुश्त तीन लाख रुपए प्रतिकर के रुप में भुगतान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने श्रम अदालत के श्रमिक की सेवा बहाली अवार्ड की चुनौती देने वाली कम्पनी मेसर्स सनरे आटो ग्लास प्रा लि नोएडा को यह राशि श्रमिक के बैंक खाते में 8 हफ्ते में जमा करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि सेवा से हटाने के बाद यह नहीं मान सकते कि श्रमिक बेरोजगार रहा। उसने कोई काम नहीं किया होगा और 64 साल की आयु में उसे नौकरी पर नहीं रखा जा सकता। इसलिए एकमुश्त राशि दिया जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने कम्पनी की याचिका पर दिया है।
मालूम हो कि मनीराम पाल को कम्पनी में 25 फरवरी 89 को चौकीदार पद पर मौखिक आदेश से नियुक्त किया गया और मौखिक आदेश से 16 मार्च 98 को हटा दिया गया। उसने श्रम अदालत में चुनौती दी। श्रम अदालत ने वेतन के साथ बहाली का आदेश दिया। जिसे कम्पनी ने चुनौती दी थी।