लोकसेवा आयोग द्वारा दर्शनशास्त्र विषय को न शामिल करने पर छात्रों ने जताया रोष
लोकसेवा आयोग द्वारा दर्शनशास्त्र विषय को न शामिल करने पर छात्रों ने जताया रोष
उत्तरप्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा जीआईसी प्रवक्ता जारी विज्ञापन में दर्शनशास्त्र विषय को न शामिल करने पर छात्रों ने प्रेसवार्ता कर जताया रोष
आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ भवन पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा जारी विज्ञापन संख्या ए-31ई-1/2020 में दर्शनशास्त्र (तर्कशास्त्र) विषय को जीआईसी/ जीजीआईसी में ना शामिल करने के विरोध में एनएसयूआई के तत्वधान में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें एनएसयूआई की इ०वि०वि० इकाई के अध्यक्ष सत्यम कुशवाहा, मनोज मिश्र, सुनील शुक्ला,नीरज पांडे, शरद शंकर,ज्योति पांडे आदि ने अपनी बात रखी। अपनी बात को रखते हुए सत्यम कुशवाहा ने कहा की यदि दर्शन विषय इतना अनुपयोगी व बुरा है तो उससे संबद्ध संस्थाएं जैसे आईसीपीआर, अखिल भारतीय दर्शन परिषद, उत्तर भारत दर्शन परिषद,बिहार दर्शन परिषद, आईपीसी, एसपीसी आदि का क्या महत्व है ऐसी संस्थाओं को तब तो बंद कर देना चाहिए वही मनोज मिश्रा ने कहा की सबके सहयोग की अपेक्षा करते हुए दर्शन से संबद्ध सभी संस्थाओं के सचिवों से हमारी बात हुई है यह सभी हमारे साथ हैं सभी ने प्रदेश सरकार के इस रवैए की आलोचना की है तथा डॉक्टर सुनील ने आईसीपीआर को आड़े हाथों लेते हुए कहा की एमएचआरडी से सीधे गवर्न होने वाली संस्था का कार्य केवल सेमिनार के आयोजन तक सीमित ना होकर विषय को बचाने की दिशा में भी कार्य करना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता एनएसयूआई इकाई अध्यक्ष सत्यम कुशवाहा ने की इस अवसर पर डॉक्टर नीरज, डॉ गणेश, डॉ मनोज यादव, डॉ सुनील,सुशील जायसवाल,दिव्या पांडे,ज्योति पांडे,शरद शंकर, श्याम चंद्र, पूनम त्रिपाठी, पवन यादव,भूदेव यादव,अजय पटेल आदि उपस्थित रहे।