संविदा कर्मी को आउटसोर्सिंग पर भेजने के आदेश पर रोक
राज्य सरकार व आयोग से दो हफ्ते में जवाब तलब

प्रयागराज, 25 सितम्बर (हि.स)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग प्रयागराज में पिछले 10 साल से संविदाकर्मी के रुप में कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटर को ठेकेदार की आउटसोर्सिंग सेवा ज्वाइन करने को बाध्य करने के आदेश पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार व आयोग से दो हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है।
कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया है कि याची को कम्प्यूटर आपरेटर पद का कार्य करने दिया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने महबूब अली की याचिका पर दिया है।
याची का कहना है कि उसकी नियुक्ति 2011 में संविदा पर की गई है। उसकी सेवा से कोई शिकायत नहीं है। आयोग ने 2 सितम्बर 21 के आदेश से उसे ठेकेदार की सेवा में आउटसोर्सिंग से कार्य करने का निर्देश दिया है। यह आदेश दुर्भाग्यपूर्ण है। याची सेवानियमितीकरण की मांग कर सकता है। इससे बचने के लिए उसे संविदा से हटाकर आउटसोर्सिंग की सेवा में जबरन जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है।