सपा के लिए एक जाति, एक समुदाय का विकास ही सबकुछ : सिद्धार्थनाथ सिंह

सिद्धार्थनाथ सिंह बोले- माफियाओं के दम पर राजनीति करने वाले धन बल की बात न करें

सपा के लिए एक जाति, एक समुदाय का विकास ही सबकुछ : सिद्धार्थनाथ सिंह

लखनऊ, 25 सितम्बर। प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री व प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि 2017 से पहले तक मंदिरों में कदम न रखने वाले सपाइयों को यूपी का चुनाव करीब आते ही भगवान श्रीराम याद आने लगे हैं, जबकि लाखों हिन्दुओं की आस्था अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण भाजपा सरकार में पूरा हुआ है।

उन्होंने कहा कि यूपी में माफिया मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद को पालने वाले अखिलेश यादव धन-बल की बात कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी हमेशा से गुंडों और माफियाओं की पार्टी रही है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने यूपी को माफियाओं और गुंडों से मुक्ति दिलाई है।

उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव समुदाय और जाति की रट क्या लगाए हैं। सपा के अब्बाजान के लिए तो हमेशा से एक जाति और एक समुदाय ही खास रहा है। सपा ने हमेशा से एक ही समुदाय का हित साधने का काम किया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी हमेशा से सबका साथ, सबका विकास लेकर चलने वाली पार्टी है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भाजपा हमेशा विकास की राजनीति करती है। योगी सरकार में पिछले साढ़े चार सालों में सबसे अधिक विकास कार्य हुए हैं। निवेश से लेकर रोजगार देने में यूपी दूसरे राज्यों से काफी आगे है। लेकिन एसी कमरों में बैठकर ट्वीट करने वाले अखिलेश यादव को यह नजर नहीं आएगा।

सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि सपा सरकार में यूपी दंगा प्रदेश बन गया था। मुजफ्फरनगर में दंगों की वजह से लोगों को पलायन करना पड़ा था। समाजवादी पार्टी की सरकार में यूपी ने दंगों में रिकॉर्ड बना दिया था। वहीं, योगी सरकार में माफियाओं पर डंडा चलाने का काम किया गया। यूपी में साढ़े चार सालों में एक भी दंगा नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि ट्विटर छोड़कर सपाइयों को एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट भी देख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ मोबाइल से राजनीति नहीं होती है। अखिलेश यादव को अपने एसी कमरे से निकल कर योगी सरकार का विकास देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में युवाओं के लिए नौकरी नहीं थी। माफियाओं के भय से निवेशक यूपी आने से डरते थे। योगी सरकार ने यूपी की तस्वीर बदलने का काम किया है। चार लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। बड़ी संख्या में निवेशकों ने यूपी में कदम रखा। इससे युवाओं के लिए निजी क्षेत्र में नौकरी की संभवनाएं बनी हैं।