ग्रेच्युटी देने में देरी पर ब्याज के साथ भुगतान का निर्देश
ग्रेच्युटी देने में देरी पर ब्याज के साथ भुगतान का निर्देश
प्रयागराज, 25 सितम्बर । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोरखपुर से सेवानिवृत्त हेड कांस्टेबल को ग्रेच्युटी के भुगतान में देरी करने पर सेवानिवृत्ति तिथि से वास्तविक भुगतान तिथि तक की अवधि के ब्याज का तीन माह में भुगतान करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने बनारसी प्रसाद की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता का कहना था कि याची को ग्रेच्युटी देने में 6 साल की देरी की गई। इसलिए वह 18 फीसदी ब्याज पाने का हकदार हैं।
याची 1994 मे बस्ती जिले में कांस्टेबल पद पर नियुक्त किया गया। आपराधिक केस दर्ज होने के कारण उसे 23 नवम्बर 94 को निलम्बित कर दिया गया और कोर्ट के आदेश पर 13 मार्च 97 को बहाल हुआ। 31 अटूबर 2010 को हेड कांस्टेबल पद से सेवा निवृत्त हो गया। 10 अप्रैल 17 को आपराधिक केस में बरी कर दिया गया। इसके बाद विभागीय कार्यवाही भी समाप्त हो गई। सेवानिवृत्ति से ही ग्रेच्युटी दी जानी थी परन्तु उसे नहीं दी गई। 26 नवम्बर 17 को ग्रेच्युटी का भुगतान किया गया। जिस पर याची ने भुगतान करने में देरी के लिए ब्याज की मांग की। कोर्ट ने पूर्व में दिए गए कमलेश्वर प्रसाद राय केस के फैसले के तहत याचिका स्वीकार कर ली है।