गंगा सप्तमी : अस्सी घाट पर मां गंगा की प्रतिमा के समक्ष विशेष भव्य आरती

अस्सी घाट पर मां गंगा की प्रतिमा के समक्ष विशेष भव्य आरती

गंगा सप्तमी : अस्सी घाट पर मां गंगा की प्रतिमा के समक्ष विशेष भव्य आरती

वाराणसी, 27 अप्रैल। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि (गंगा अवतरण दिवस) पर गुरुवार शाम अस्सीघाट पर आह्लादित करने वाला नजारा दिखा। घाट पर जय मां गंगा सेवा समिति की ओर से आयोजित नियमित संध्या आरती में तीर्थ पुरोहित बलराम मिश्र के नेतृत्व में मां गंगा की प्रतिमा के समक्ष विशेष भव्य आरती की गई। सात अर्चकों ने हरा वस्त्र धारण कर आरती की। पारम्परिक गंगा गीतों के बीच घाट पर मौजूद हजारों श्रद्धालुओं ने ताली बजाकर और गीतों को गुनगुना कर इसमें सहभागिता की। आरती के पूर्व मौजूद श्रद्धालुओं को गंगा की अविरलता, स्वच्छता बनाए रखने के लिए शपथ दिलाई गई और मां गंगा की अविरल कहानी को भी सुनाया गया।

तीर्थ पुरोहित बलराम मिश्र ने बताया कि आज के ही दिन गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर आई थी। पौराणिक कथा का उल्लेख कर कहा कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा माता धरती पर अवतरित हुई थीं। श्री राम के वंशज भागीरथ उन्हें कठोर तपस्या कर धरती पर लेकर आए थे। अनेकों कठिनाइयों के बाद मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुईं और उनके पवित्र जल से भागीरथ के पूर्वजों को मुक्ति मिली। उन्होंने कहा कि आज गंगा स्नान का भी बहुत महत्व है। गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान से व्यक्ति को पापों के बोझ से मुक्ति मिल जाती है। घाट पर ढोल, नगाड़े व शहनाई की गूंज के बीच मां गंगा का पूजन भी चलता रहा।