देश में गणेश चतुर्थी की धूम, प्रधानमंत्री ने लोगों को दी बधाई

देश में गणेश चतुर्थी की धूम, प्रधानमंत्री ने लोगों को दी बधाई

देश में गणेश चतुर्थी की धूम, प्रधानमंत्री ने लोगों को दी बधाई

नई दिल्ली, 31 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गणेश चतुर्थी पर देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भगवान श्रीगणेश की कृपा हम पर सदैव बनी रहे। देशभर में गणेश चतुर्थी की धूम है। लोग अपने घरों में गणपति बप्पा की स्थापनाकर पूजा-अर्चना शुरू करेंगे। देशभर के विभिन्न मंदिरो में सुबह से ही बप्पा की पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी है। बप्पा के पंडाल बनाए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

गणेश चतुर्थी के अवसर पर मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर में पहली आरती की गई। सिद्धिविनायक के अलावा मुंबई के लालबागचा राजा पंडाल से गणेश चतुर्थी के समारोह में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।

रायपुर में मूर्तिकारों ने विशेष वस्तुओं का उपयोग कर गणेशजी की मूर्ति बनाई है। यह मूर्ति लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। कोच्चि में आज से 10 दिवसीय ओणम उत्सव की शुरुआत हुई है। नागपुर के टेकड़ी में स्थित गणेश मंदिर में गणेश भगवान की पूजा की गई है। गणेशोत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी को होगा।

इस बीच कर्नाटक हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि हुबली-धारवाड़ के ईदगाह मैदान में ही गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाएगा। हाई कोर्ट ने हुबली-धारवाड़ ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी उत्सव की अनुमति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। हाई कोर्ट ने हुबली ईदगाह में गणेश उत्सव की मंजूरी देते हुए कहा है कि वहां पर गणेश चतुर्थी मनाई जा सकती है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार देररात इस याचिका की सुनवाई की। हाई कोर्ट ने धारवाड़ नगर आयुक्त के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें हुबली ईदगाह मैदान में गणेशोत्सव आयोजित करने की अनुमति दी गई थी।

न्यायमूर्ति अशोक एस किनागी ने फैसले में कहा है कि यह संपत्ति धारवाड़ नगरपालिका की है। अंजुमन-ए-इस्लाम 999 साल की अवधि के लिए एक रुपये प्रति वर्ष के शुल्क पर केवल एक पट्टा धारक था। नगर आयुक्त के आदेश को अंजुमन-ए-इस्लाम ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हुबली-धारवाड़ नगर निगम ने यहां ईदगाह मैदान में गणेश प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति देने का फैसला किया था। इससे पहले मंगलवार को दिन में सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया और दोनों पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।