माघ मेला में निःशुल्क निरंकारी डिस्पेंसरी शिविर का हुआ शुभारम्भ
ज्ञान गंगा में डुबकी लगाकर ही मुक्ति सम्भव : निरंकारी संत
प्रयागराज, 14 जनवरी । जो इंसान किसी ब्रह्मज्ञानी संत या सद्गुरु द्वारा इस प्रभु परमात्मा को जानकर ज्ञान रूपी गंगा में डुबकी लगाता है तो उसी मानव की मुक्ति सम्भव है। और जो बिना परमात्मा को जाने भक्ति करता है वह जीवात्मा भटकती रहती है और उसकी मुक्ति सम्भव नहीं होती। वह मुक्ति से वंचित रह जाती है।
उक्त विचार संत निरंकारी मिशन के केंद्रीय प्रचारक संत अनिल चवन ने माघ मेला क्षेत्र, परेड मैदान, सेक्टर 2, काली सड़क, उत्तरी पटरी स्थित संत निरंकारी चैरिटेबल डिस्पेंसरी कैम्प का शुभारम्भ करते हुए सत्संग कार्यक्रम में व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मानव जीवन अनमोल है, यह बार-बार नहीं मिलता। यह दुर्लभ है, इसे व्यर्थ ना गवाएं। इसकी उपयोगिता को समझें। उन्होंने आगे कहा कि अगर जिस जीवात्मा की मुक्ति जीवन रहते हुए नहीं हो पायी फिर कैसे सम्भव है कि उसके जीवन समाप्ति के बाद उसकी मुक्ति सम्भव हो।
उल्लेखनीय है कि, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वावधान में शनिवार को स्थापित निःशुल्क निरंकारी डिस्पेंसरी शिविर एवं मोबाइल डिस्पेंसरी का भव्य शुभारम्भ किया गया। मोबाइल डिस्पेंसरी पूरे माघ मेला क्षेत्र में घूम-घूम कर आए तीर्थयात्रियों की बीमारियों का उपचार एवं दवाइयां वितरित करेगा। इसके अलावा शिविर में सत्संग कार्यक्रम का भी शुभारम्भ किया गया जो प्रत्येक दिन सुबह 8 से 9ः30 एवं शाम 5ः30 से 7 बजे तक होगा। यह शिविर अनवरत 27 जनवरी तक चलेगा। प्रयागराज मंडल के स्थानीय जोनल इंचार्ज अशोक कुमार सचदेव ने माघ मेला प्रशासन एवं सभी अतिथियों एवं श्रद्धालुओं का आभार प्रकट किया।