दूसरी शादी करने से पिता के बच्चों की अभिरक्षा पाने के अधिकार प्रभावित नहीं : हाईकोर्ट
नाना की याचिका खारिज
प्रयागराज, 18 मई । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि पत्नी की मौत के बाद पति के दूसरी शादी करने मात्र से पति अपने बच्चों की संरक्षकता का अधिकार नहीं खो देता। विपक्षी पिता ने परिवार अदालत में कहा भी है कि वह दूसरी शादी नहीं करेगा। बच्चों की अभिरक्षा के लिए विपक्षी पिता की गार्जियन एण्ड वार्ड्स एक्ट के तहत परिवार अदालत की कार्यवाही पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया और नाना की तरफ से दाखिल याचिका खारिज कर दी है।
कोर्ट ने अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार अदालत मऊ को तीन माह में केस तय करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने अशोक पाठक की याचिका पर दिया है। हालांकि विपक्षी अधिवक्ता ने गार्जियन एण्ड वार्ड्स एक्ट की धारा 125 की कार्यवाही के खिलाफ अनुच्छेद 227 के तहत दाखिल याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की।
याची का कहना था कि उसकी बेटी की शादी विपक्षी के साथ हुई थी। दो बच्चे पैदा हुए हैं। बेटी की मौत हो गई। बच्चे अपने नाना के पास रह रहे हैं। बच्चों के पिता ने बच्चों की अभिरक्षा के लिए परिवार अदालत में अर्जी दी है। जिसको लेकर याचिका दायर की गई। कहा गया कि विपक्षी ने दूसरी शादी कर ली है। इसलिए उसे बच्चों की अभिरक्षा न सौंपी जाए। कोर्ट ने कहा यह साबित करने की जिम्मेदारी याची की है कि विपक्षी ने दूसरी शादी की है या नहीं।