आरजीकर अस्पताल में सरेआम होती थी नशाखोरी, परिसर में दारू की बोतलों और ड्रग्स के पैकेट का अंबार
आरजीकर अस्पताल में सरेआम होती थी नशाखोरी, परिसर में दारू की बोतलों और ड्रग्स के पैकेट का अंबार
कोलकाता, 12 अगस्त । आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर में अव्यवस्था और बाहरी लोगों की अराजकता ने अस्पताल को एक नशाखोरी के केंद्र में बदल दिया है। अस्पताल अस्पताल के आसपास रहने वाले लोगों एवं व्यवसायियों के अनुसार परिसर में सुरक्षा की कमी और रोशनी की अपर्याप्त व्यवस्था के कारण बाहरी लोगों का आना-जाना यहां आम बात हो गई है। रात के समय यह पूरा इलाका बाहरी लोगों के लिए मुक्त स्थल बन जाता है, जहां वे शराब पीते हैं और अन्य नशे करते हैं। पूरे अस्पताल परिसर में शराब की बोतलें और नशीले पदार्थ खुलेआम बिखरे पाए गए हैं।
हाल ही में आरजी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद आरोपित को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने आरोपित से पूछताछ के बाद कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई है। गुरुवार की रात आरोपित को अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज में देखा गया था, जहां वह एक मरीज के साथ चौथी मंजिल पर था। इसके कुछ देर बाद, उसने अस्पताल के अंदर शराब पीना शुरू कर दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपित ने अस्पताल के एमरजेंसी भवन के पीछे किसी जगह पर बैठकर शराब पी थी।
आरजी कर अस्पताल के एमरजेंसी भवन के पीछे कई बहुमंजिला भवन और एकेडमिक भवन हैं। इन भवनों के पास ही अंधेरे में शराब पीने और नशीले पदार्थों का सेवन करने वालों का जमावड़ा देखा गया है। यहां पर्याप्त रोशनी नहीं होने के कारण यह इलाका शाम के बाद बाहरी लोगों का गढ़ बन जाता है। इस इलाके में कोई खास गतिविधि न होने के कारण मरीजों या उनके परिजनों का आना-जाना कम ही होता है, जिससे बाहरी लोग इसका फायदा उठाते हैं और नशे में डूब जाते हैं।
अस्पताल परिसर का निरीक्षण करने पर पाया गया कि स्टोर रूम के पास पार्किंग में कई गाड़ियां खड़ी थीं, और वहां शराब की बोतलें और प्लास्टिक के ग्लास बिखरे हुए थे। कहीं-कहीं बोतलें टूटी हुई पाई गईं, जबकि कुछ बोतलें फेंकी गई थीं। इसके अलावा, नशे के अन्य सामान भी यहां बिखरे हुए थे।
अस्पताल में बाहरी लोगों के इस अराजकता से छात्र भी डरे हुए हैं। नर्सिंग के दूसरे वर्ष की एक छात्रा ने कहा, "रात होते ही यह इलाका बाहरी लोगों के लिए मुक्तांचल बन जाता है। शाम के बाद यहां कोई नहीं आता।" एक सुरक्षा गार्ड ने बताया कि बाहरी लोगों की संख्या इतनी ज्यादा होती है कि उन्हें रोकना मुश्किल हो जाता है। वह कहते हैं, "रात में वे समूह बनाकर घूमते हैं। रोकने पर कोई कहता है कि वह स्थानीय है, और कुछ बिना कुछ कहे ही अंदर चले जाते हैं।"
आरजी कर अस्पताल की रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष, डॉ. सुदीप्त रॉय ने इस मामले की जांच करने और उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, "अस्पताल के आसपास एक दलाल गिरोह सक्रिय है, जो कभी मरीज के परिजन बनकर, तो कभी एंबुलेंस के सहायक बनकर अस्पताल में प्रवेश करने की कोशिश करता है। इस पर नियंत्रण के लिए पहले भी कई कदम उठाए गए हैं। अब फिर से जांच कर उचित कदम उठाए जाएंगे।"