प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला
पूरा मेला क्षेत्र स्नानार्थियों से पैक्ड, सड़कों के किनारे परिवार समेत जुटे श्रद्धालु
प्रयागराज, 20 जनवरी। माघ मेले के मुख्य स्नान पर्व, मौनी अमावस्या पर तीर्थराज प्रयाग में संगम की रेती पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा है। करीब 700 हेक्टेअर में बसा मेला क्षेत्र इस समय पूरी तरह पैक्ड है। दूर-दूर से आए श्रद्धालु अपने परिवार समेत मेला क्षेत्र की सड़कों के किनारे डेरा डाले हुए हैं। आधी रात बाद संगम समेत 17 स्नान घाटों पर पुण्य की डुबकी प्रारम्भ हो जाएगी।
मौनी अमावस्या के स्नान पर्व से दो दिन पहले यानी गुरुवार से ही श्रद्धालुओं का झुंड मेला क्षेत्र में प्रवेश करने लगा था। शुक्रवार भोर से तो स्नानार्थियों का रेला उमड़ पड़ा। पहले लोगों ने साधु-संतों और कल्पवासियों के शिविरों में आश्रय लिया, लेकिन भीड़ बढ़ने के बाद श्रद्धालु सड़कों के किनारे ही परिवार समेत जमा होने लगे और वहीं भोजन बनाकर प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं।
मेला प्रशासन का अनुमान है कि मेला के मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर दो करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा, यमुना और अंतःसलिला सरस्वती के त्रिवेणी संगम में पुण्य की डुबकी लगाएंगे। श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए मेला प्रशासन इस समय अलर्ट मोड पर है। प्रशासन ने स्नानार्थियों की सुविधा के लिए दो नए स्नान घाट बनाएं हैं। मकर संक्रांति के पर्व पर संगम समेत 15 घाटों पर स्नान हुआ था। इस बार 17 घाटों पर स्नान की तैयारियां की गई हैं। इसके अलावा स्नान घाटों की लंबाई भी बढ़ाई गई है, ताकि स्नानार्थियों को डुबकी लगाने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए नगर क्षेत्र में 14 होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं, जहां श्रद्धालुओं को कुछ समय तक रोका जाएगा।
सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
अमूमन स्नान पर्व की पूर्व संध्या से मेला पुलिस अलर्ट मोड पर आती है और जगह-जगह जवानों की तैनाती की जाती है, लेकिन इस बार भीड़ के मद्देनजर शुक्रवार सुबह से ही मेला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। जवानों को तैनात कर दिया गया है। संगम क्षेत्र कमांडो के कब्जे में है। मेला पुलिस अधीक्षक राजीव नारायण मिश्रा के अनुसार पूरे मेला क्षेत्र में करीब पांच हजार पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। बम डिस्पोजल स्क्वायड, डाग स्क्वायड और एएस (एंटी सबोटेज) टीमों को सक्रिय कर दिया गया है। संगम क्षेत्र में कमांडों के अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है। सभी स्नान घाटों पर गोताखोर मौजूद हैं। स्नानार्थी गहरे जल में न जाएं, इसके लिए स्नान घाटों पर जाल लगा दिए गए हैं। पूरे मेला क्षेत्र की ड्रोन से निगरानी भी की जा रही है।
इसके अलावा मेला क्षेत्र में पहली बार बाडी वार्न कैमरों से सुसज्जित पुलिस वाले तैनात हैं। संदिग्ध व्यक्तियों एवं संदिग्ध वस्तुओं पर विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, एडीजी भानु भास्कर, पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा, जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री व मेलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान समेत विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों ने गुरुवार को ही बैठक कर मेले में तैनात पुलिस अधिकारियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे। अमावस्या पर्व पर विभिन्न विभागों के बीच समन्वय के साथ काम करने पर भी बल दिया गया है।
मेला क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित
भीड़ बढ़ने के साथ ही मेला क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह प्रतिबंध 22 जनवरी की शाम तक जारी रहेगा। हालांकि प्रशासनिक और चिकित्सा संबंधी वाहन मेला क्षेत्र में चल सकेंगे। श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए जगह-जगह पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। भारी वाहनों को गुरुवार से ही शहर में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। यह रोक 23 जनवरी की रात 12 बजे तक जारी रहेगा।
स्वच्छता को लेकर विशेष निर्देश
मुख्य स्नान पर्व पर मेले में स्वच्छता को लेकर शासन की तरफ से विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। मेला प्रशासन ने इसके लिए मेला क्षेत्र में तैनात सफाई कर्मियों को भी अलर्ट मोड पर कर दिया है। अमावस्या स्नान के दिन श्रद्धालु अक्षयवट का दर्शन नहीं कर सकेंगे। दरअसल मुख्य स्नान पर्वों पर सुरक्षा के मद्देनजर किले में स्थित अक्षयवट दर्शन के लिए बंद कर दिया जाता है। सामान्य दिनों में सुबह सात बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक अक्षयवट दर्शन के लिए किला खुला रहता है।
अमावस्या पर्व पर अतिरिक्त बसें व रेलगाड़ियां
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम मौनी अमावस्या के अवसर पर 2800 बसें संचालित कर रहा है। ये बसें वाराणसी, लखनऊ, मिर्जापुर, कानपुर समेत 100 मार्गों पर चलाई जा रही हैं। इसके अलावा इस मौके पर रेल विभाग ने भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अतिरिक्त रेलगाड़ियों के संचालन का निर्णय लिया है।