देह व्यापार समाज के विरुद्ध अपराध, आरोपी सहानुभूति पाने के हकदार नहीं : हाईकोर्ट
देह व्यापार समाज के विरुद्ध अपराध, आरोपी सहानुभूति पाने के हकदार नहीं : हाईकोर्ट
प्रयागराज, 25 अगस्त । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जबरन देह व्यापार कराने में शामिल होने के आरोपी आकाश को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि देह व्यापार समाज के विरुद्ध अपराध है। ऐसे अपराध के आरोपी सहानुभूति पाने के हकदार नहीं हैं। कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने आकाश की अर्जी पर दिया है।
मालूम हो कि, पुलिस व ऐंटी ह्यूमन ट्रैफिक यूनिट ने नोएडा गौतमबुद्ध नगर के एक गेस्ट हाउस पर छापा मारकर चार लड़कियों को छुड़ाया। 27 फरवरी 21 के घटना की 28 फरवरी को सेक्टर 24 थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। लगभग आधे दर्जन जबरन देह व्यापार कराने वाले आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया है। लड़कियों ने प्रेम जाल में फंसा कर देह व्यापार में ढकेलने का आरोप लगाया है।
याची का कहना था वह निर्दोष है। एक हफ्ते पहले उसने गेस्ट हाउस में नौकरी ज्वाइन की है। वहां क्या होता है उसे नहीं मालूम। किन्तु कोर्ट ने कहा कि लड़कियों के बयान अपराध की गम्भीरता का खुलासा करने वाले हैं। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। बिहार, पश्चिम बंगाल, मुजफ्फरनगर की लड़कियों को झांसा देकर देह व्यापार में ढकेलने का आरोप है। कोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया।