वरदान साबित हो रही मुख्यमंत्री आवास योजना: उप मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत एक लाख से अधिक पात्रों को मिला आवास
लखनऊ, 12 जुलाई । उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का मुख्य उद्देश्य है समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े पात्र जरूतमंद लोगों को आवासीय सुविधा का लाभ देकर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ना।
प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) पूर्णतः राज्य सहायतार्थ योजना है। इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरवरी, 2018 से प्रारम्भ की। इस योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदा, कालाजार, वनटांगिया, मुसहर, नट, चेरो, सहरिया, कोल, थारू, पछइया लोहार, गढ़इया लोहार, बैगा वर्ग, जेई और एईएस से प्रभावित, कुष्ठ रोग से प्रभावित परिवार को लाभ दिया जाना है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की पात्रता रखते हैं लेकिन किन्हीं कारणों वह वंचित हैं, उन्हें भी आवास उपलब्ध कराना है।
जरूरतमंदों के लिए दी जा रही इस आवास की इकाई लागत सामान्य क्षेत्रों के लिए एक लाख 20 हजार तथा नक्सल प्रभावित जिलों के लिए एक लाख 30 हजार निर्धारित है। अतिआवश्यक लोगों के लिए निर्मित इस आवास का क्षेत्रफल 25 वर्गमीटर निर्धारित किया गया है। आवास में शौचालय के लिए धनराशि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत पंचायती राज विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। आवास लाभार्थी को मनरेगा योजना से 90-95 मानव दिवस का रोजगार भी आवास निर्माण में दिये जाने का प्राविधान है।
मौर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत वर्ष 2018-19 से लेकर अब तक एक लाख आठ हजार 652 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके सापेक्ष अब तक एक लाख पांच हजार 493 आवास का निर्माण पूर्ण कराया जा चुका है। शेष आवास निर्माणाधीन है। अब तक आवंटित मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के आवासों में मुसहर वर्ग के 42 हजार 194, वनटांगिया वर्ग के चार हजार 822, कुष्ठ रोग से प्रभावित तीन हजार 686, दैवीय आपदा से प्रभावित 36 हजार 307, कालाजार से प्रभावित 224, जेई, एईएस से प्रभावित 601, थारु वर्ग के एक हजार 546, कोल वर्ग के 13 हजार 102, सहरिया वर्ग के पांच हजार 611 एवं चेरो जनजाति के 599 लाभार्थियों को आवास आवंटित किए गए हैं।