नरेन्द्र गिरी की मौत की डिवीजन बेंच की देखरेख में हो सीबीआई जांच : प्रमोद तिवारी
नरेन्द्र गिरी की मौत की डिवीजन बेंच की देखरेख में हो सीबीआई जांच : प्रमोद तिवारी
लखनऊ, 21 सितम्बर। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मॉल एवेन्यू स्थित कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने संयुक्त रूप से कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की मौत की जांच सीबीआई से कराई जाए । जांच समयबद्ध हो और सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच की देखरेख में हो।
उन्होंने कहा कि प्रयागराज की दुखद घटना पर महासचिव प्रियंका गांधी ने दुःख व्यक्त किया है। कल से अभी तक में गंगा में काफी पानी बह गया है। नरेन्द्र गिरी की रहस्यमय मौत हुई है। उन्होंने कहा कि बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आए कैसे एजेंसी आत्महत्या बता रही है। रिपोर्ट आयी नहीं, मौत की वजह पता नहीं और कहा गया आत्महत्या हुई। कांग्रेस की चिंता है कि यह पहली या दूसरी साधु -संन्यासी की हत्या नहीं है, 21 सन्तों की मौत हुई है। योगीराज में संन्यासी भी सुरक्षित नहीं है।
उन्होंने कहा कि नरेन्द्र गिरी को बड़ी सुरक्षा मिली थी। सभी हत्या की आशंका जता रहे हैं। अधिकांश मामलों में परिवार ही जांच की मांग करताहै, सन्त के अनुयायी भी सीबीआई जांच चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि एक संन्यासी क्यों वीडियो से आतंकित थे, महाराज नरेन्द्र गिरी भाजपा के और सरकार के निकट थे। मौत के एक दिन पूर्व में उपमुख्यमंत्री उनसे मिलकर आये थे। पुलिस ने तीन नाम लिए, एक आदमी गिरफ्तार किया गया। वह भी हरिद्वार में गिरफ्तारी हुई। इस हत्या, आत्महत्या की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने कहा कि महंत नरेन्द्र गिरी ने आत्महत्या की तो वो पंखे तक कैसे पहुंचे। जब वह हस्ताक्षर कर नहीं सकते थे तो 14 पन्ने का नोट कैसे लिखा। बिना पोस्टमार्टम के सरकार का बयान कैसे आया। हरिद्वार कुम्भ के समय पर महंत को हटाने का प्रयास हुआ था।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद महंत हैं और इनके सरकार में कई साधुओं की हत्या हो चुकी है। इस पर सरकार क्या कहना चाहती है, जनता यह सब जानना चाहती है। ये सरकार अपराधियों को संरक्षण देने का काम कर रही है।