वाराणसी में अब तक बसपा का हाथी चिंघाड़ नहीं पाया
लोस चुनाव : वाराणसी में अब तक बसपा का हाथी चिंघाड़ नहीं पाया
वाराणसी, 28 मई । 1952 में पहले चुनाव के समय अस्तित्व में आई वाराणसी संसदीय सीट की गिनती देश की वीवीआईपी सीटों में होती है। भाजपा प्रत्याशी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह निर्वाचन क्षेत्र है। इस संसदीय सीट पर अब तक हुए 17 आम चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों 7-7 बार जीत का झंडा फहरा चुके हैं। वहीं भारतीय लोकदल, सीपीएम और जनता दल ने यहां 1-1 बार जीत का स्वाद चखा है। लेकिन पूर्वांचल की कई सीटों पर जीत दर्ज करने के बावजूद बसपा का यहां अब तक खाता नहीं खुला। बता दें, बसपा 8 बार इस सीट से चुनाव लड़ चुकी है।
हाथी की सुस्त चाल
अपनी स्थापना के पांच साल बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने वाराणसी संसदीय सीट पर अपना पहला चुनाव लड़ा। 1989 के चुनाव में बसपा प्रत्याशी गंगा राम 7.57 फीसदी वोट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रहे। ये चुनाव जनता दल के अनिल शास्त्री ने जीता। उनका वोट शेयर 62.31 फीसदी रहा।
1991 के चुनाव में बसपा प्रत्याशी काशी नाथ यादव के खाते में 7.25 फीसदी वोट आए, और वो चौथे स्थान पर रहे। 1996 के चुनाव में कमला राजभर हाथी की टिकट पर मैदान में उतरी। कमला को 12.50 फीसदी वोट मिले और वो तीसरे नंबर पर रही। 1998 के चुनाव में डॉ.अवधेश सिंह को बसपा ने मैदान में उतारा। अवधेश सिंह 15.66 फीसदी वोट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रहे। 1999 के चुनाव में बसपा प्रत्याशी बाबू लाल पटेल के खाते में 12.02 फीसदी वोट आए और वो पांचवें स्थान पर लुढ़क गए। 2004 में बसपा प्रत्याशी अमीर चन्द पटेल चौथे स्थान पर रहे। उनका वोट शेयर 9.40 फीसदी रहा।
2009 में दूसरे स्थान पर रहा हाथी
2009 के आम चुनाव में बसपा का हाथी पहली बार दूसरे स्थान पर आया। इस चुनाव में बसपा ने पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी को अपना प्रत्याशी बनाया। भाजपा के डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने मुख्तार अंसारी को 17,211 वोटों के अंतर से शिकस्त दी। डॉ. जोशी को 203,122 वोट मिले। वहीं बसपा प्रत्याशी मुख्तार अंसारी को 185,911 वोट प्राप्त हुए। इस चुनाव में कुल 15 प्रत्याशी मैदान में थे। कुल 665,490 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग इस चुनाव में किया। चुनाव में 42.60 फीसदी वोटिंग हुई।
पिछले दो चुनाव का हाल
2014 के चुनाव में बसपा प्रत्याशी विजय प्रकाश जायसवाल 5.88 फीसदी वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे। वहीं 2019 के चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन था। और ये सीट सपा के खाते में थी। सपा प्रत्याशी शालिनी दूसरे स्थान पर रही। वाराणसी सीट पर पिछले दोनों चुनाव भाजपा प्रत्याशी पीएम नरेन्द्र मोदी ने जीते हैं।
2024 का चुनाव
18वीं लोकसभा के चुनाव में बसपा अकेले मैदान में हैं। सपा-कांग्रेस का गठबंधन है। ये सीट कांग्रेस के खाते में हैं। बसपा ने अतहर जमाल लारी को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं भाजपा से पीएम नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस से उसके प्रदेश अध्यक्ष अजय राय मैदान में हैं।