भाजपा कार्यकर्ताओं ने मनाई डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्म जयंती
डॉ मुखर्जी न होते तो कश्मीर भी हमारा न होता : गणेश केसरवानी
प्रयागराज, 06 जुलाई । भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 124वीं जन्म जयंती पर महापौर गणेश केसरवानी ने कहा कि डाॅ मुखर्जी ने देश की एकता, अखंडता और कश्मीर को बचाने के लिए नेहरू के मंत्रिमंडल को ठोकर मारकर 21 अक्टूबर 1951 को भारतीय जनसंघ की स्थापना की। यदि डाॅ मुखर्जी न होते तो कश्मीर भी हमारा न होता।
भाजपा महानगर के तत्वाधान में कीडगंज कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में गणेश केसरवानी ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर को बचाने के लिए एक वृहद आंदोलन छेड़ दिया। नेहरू और शेख अब्दुल्लाह की मिलीभगत से कश्मीर में लगाए गए वीजा परमिट के बगैर कश्मीर में प्रवेश किया और उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। उन्होंने कहा था एक देश में दो निशान दो प्रधान दो संविधान नहीं चलेगा और कश्मीर के अंदर वीजा परमिट और धारा 370 हटके रहेगा। उनके इस आंदोलन से शेख अब्दुल्लाह की सरकार भयभीत हो गई और वीजा परमिट तो हटा दिया, लेकिन साजिश रच कर 23 जून 1953 में उनकी जेल में ही हत्या करा दी गई।
उन्होंने कहा कि डॉ मुखर्जी का बलिदान देश कभी नहीं भूल सकता और उनकी मृत्यु के पश्चात उनके सपनों को पूरा करने के लिए भारतीय जनसंघ से जनता पार्टी और जनता पार्टी से 6 अप्रैल 1980 में बनी भारतीय जनता पार्टी उनके सपनों को पूरा करने के लिए लगातार संघर्ष करती रही। जब केंद्र में पूर्ण बहुमत के साथ दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनती है तो उनके सपनों को पूरा करते हुए 5 अगस्त 2019 में कश्मीर से धारा 370 को उखाड़ कर फेंक दिया गया।
इस अवसर पर ज्ञानेश्वर शुक्ला, रईस चंद्र शुक्ला, पूर्व उपमहापौर मुरारी लाल अग्रवाल, शशि वाष्र्णेय ने डॉ मुखर्जी पर विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के संयोजक एवं संचालक राजेश केसरवानी रहे।