उप्र : महिला सम्मान को चले अभियान में 38 हजार अराजकतत्वों को किया गया चिन्हित

उप्र : महिला सम्मान को चले अभियान में 38 हजार अराजकतत्वों को किया गया चिन्हित

उप्र : महिला सम्मान को चले अभियान में 38 हजार अराजकतत्वों को किया गया चिन्हित

लखनऊ, 08 अगस्त । उत्तर प्रदेश में महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा व उनके स्वावलंबन के लिए मिशन शक्ति अभियान समय-समय पर चलाया जाता है। इसी कड़ी में यूपी पुलिस के महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की ओर से प्रदेश भर में महिलाओं एवं बेटियों के सशक्तिकरण के लिए 21 जुलाई से 7 अगस्त तक 17 दिवसीय महिला बीट व महिला हेल्प डेस्क अभियान का द्वितीय चरण चलाया गया। इस दौरान 38 हजार से अधिक अराजकतत्वों को चिन्हित किया गया।

अभियान के तहत थाना क्षेत्र के बीट पुलिस अधिकारियों (पुरूष एवं महिला बीट अधिकारी) द्वारा सादे कपड़ों में बीट क्षेत्र में महिला सुरक्षा से सम्बन्धित संवेदनशील एवं हॉट स्पाट क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए महिलाओं व बालिकाओं के साथ छेड़खानी करने वालों को चिन्हित कर उन्हे चेतावनी और काउसिंलिंग करने के साथ आवष्यकतानुसार विधिक कार्यवाही की गयी। इस दौरान 38 हजार से अधिक अराजकतत्वों को चिन्हित किया गया। इनमें से 33 हजार से अधिक व्यक्तियों को चेतावनी और काउंसिलिंग कर छोड़ दिया गया जबकि साढ़े पांच हजार से अधिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गयी। वहीं 511 के खिलाफ जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की गई।

सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की भी दी गयी जानकारी

प्रदेश के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मिशन शक्ति के चौथे चरण के तहत प्रदेश भर में महिला सशक्तिकरण को लेकर अभियान की शुरुआत की गयी थी, जो हर माह चलेगा। फिलहाल इस दस दिवसीय अभियान को एक हफ्ते यानी 7 अगस्त तक बढ़ा दिया गया था। अभियान के दौरान प्रदेश की महिलाओं और बेटियों को विभाग की शक्ति दीदी (महिला आरक्षी) की ओर से विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया गया। साथ ही उन्हे इन योजनाओं का लाभ लेने में हो रही परेशानी को भी संबंधित विभाग से समन्वय बनाकर दूर किया गया। कार्यवाहक डीजीपी ने बताया कि विभाग की ओर से महिलाओं और बेटियों को समस्या को दूर करने के लिए रोजाना एक्शन लिया जाता है, लेकिन इस अभियान के दौरान शक्ति दीदी ने फील्ड में उनसे संपर्क किया और उनकी समस्या को तत्काल निस्तारित कराया।

उन्होंने बताया कि रूटीन के दिनों में यह संभव नहीं हो पाता है इसलिए यह निर्णय लिया गया था। अभियान के दौरान 83,373 गांवों का भ्रमण किया गया। इस दौरान गांवों में 78,474 चौपालें लगायी गयी, जिसमें करीब 23 लाख से अधिक महिलाओं और 15 लाख से अधिक पुरुषों ने भाग लिया। चौपाल के दौरान करीब चार लाख महिलाओं को व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया।

स्कूलों का दौरा कर बच्चों को दी गयी गुड टच व बैड टच की जानकारी

पुलिस महानिदेशक ने बताया कि महिला बीट व महिला हेल्प डेस्क अभियान के द्वितीय चरण के तहत प्रदेश भर में कुल 34,246 महिला बीट एवं 34,970 महिला हेल्प डेस्क द्वारा 38,912 अराजकतत्वों को चिन्हित किया गया। इनमें से 33,030 व्यक्तियों को चेतावनी के साथ काउसिंलिंग करके छोड़ दिया गया। वहीं 1119 अभियोग पंजीकृत किये गये। इसके अलावा 630 व्यक्तियों के खिलाफ 110 सीआरपीसी के तहत एक्शन लिया गया। इसके साथ ही 276 व्यक्तियों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्यवाही की गयी। इतना ही नहीं 3761 व्यक्तियों के खिलाफ 151/107/116 सीआरपीसी की कार्यवाही की गई। अभियान के दौरान 511 व्यक्तियों के खिलाफ अन्य चालान व जुर्माना की कार्यवाही की गई। साथ ही छेड़खानी का पूर्व में इतिहास करने वाले 10,906 अभियुक्तों की चेकिंग और निगरानी की गयी। महिला बीट द्वारा अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर 1905 मामलों को निस्तारण किया गया। साथ ही 8023 कोर्ट संबंधी आदेशों का तामीला कराया गया।



उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान बीट क्षेत्र के स्कूलों में दौरा करते हुए बच्चों को विभिन्न बाल अपराध के सम्बन्ध में जागरूक किया गया। इस बीच बच्चों को गुड टच और बैड टच की भी जानकारी दी गयी। इसके लिए विशेषज्ञों की ओर से सेमिनार का आयोजन किया गया।


अभियान के दौरान इन कमिश्नरेट और जनपदों ने मारी बाजी



पुलिस महानिदेशक के अनुसार अभियान के दौरान आउटरीच और जनसंपर्क के मामले में कानपुर नगर, आगरा कमिश्नरेट और गोरखपुर ने बाजी मारी। इसी तरह समस्याओं के निस्तारण में आगरा कमिश्नरेट, जौनपुर और बिजनौर आगे रहे। वहीं छेड़खानी करने वाले अराजकतत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने में लखनऊ कमिश्नरेट, अंबेडकरनगर और अमेठी अव्वल रहे। इसके साथ ही बीट भ्रमण कर सबसे ज्यादा हरदोई, बाराबंकी और गोरखपुर में निरोधात्मक कार्रवाई की गयी।