बाणसागर नहर से प्रयागराज व मिर्जापुर के 1.70 लाख किसानों को मिला लाभ

मिर्जापुर 75,309 व प्रयागराज के 74,823 हेक्ट भूमि के सिंचाई की सुविधा

बाणसागर नहर से प्रयागराज व मिर्जापुर के 1.70 लाख किसानों को मिला लाभ

 प्रयागराज, 13 अप्रैल । फसलों की सिंचाई के संसाधनों में नहरों से सिंचाई को सबसे अच्छा साधन माना गया है। नहरों का पानी भूमि से नहीं लिया जाता, बल्कि वर्षा के पानी को बांध बनाकर रोका जाता है और फसली सीजन में आवश्यकतानुसार बांध से पानी छोड़कर नहरों के माध्यम से किसानों के खेतों तक पहुंचाया जाता है। नहरों के पानी से कई लाभ हैं एवं किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलता है। सिंचाई विभाग के इंजीनियरों ने दिन-रात मेहनत कर 3420.24 करोड़ रू0 की वास्तविक लागत के इस परियोजना को वर्ष 2018 में पूर्ण कर दिया। परियोजना पूर्ण होने पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 जुलाई, 2018 को बाणसागर नहर परियोजना का लोकार्पण कर किसानों की सदियों की इच्छा पूर्ण करते हुए उन्हें सिंचाई की सौगात दी।

इसीलिए विभिन्न लाभों को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नहरों के सुधार, निर्माण सहित वांछित जल भण्डारण हेतु बांधों के निर्माण पर विशेष बल दिया है। उत्तर प्रदेश का बुन्देलखण्ड व पठारी क्षेत्र सिंचाई साधनों के परम्परागत तरीके वर्षा, तालाब, कुओं के जल पर ही निर्भर रहा। देश का बाणसागर बांध मध्य प्रदेश राज्य के शहडोल जिले के देवलोंद नामक स्थान पर निर्मित अन्तरराज्यीय बहुउद्देशीय वृहद नदी घाटी परियोजना है। यह बांध मध्य प्रदेश के सोन नदी पर बनाया गया है। इस बांध से उत्तर प्रदेश को सिंचाई के लिए नहर के माध्यम से पानी मिलना था। बाणसागर नहर परियोजना उत्तर प्रदेश में वर्ष 1989-90 में प्रारम्भ हुई। प्रदेश की पठारी क्षेत्र में बनाई जा रही यह नहर परियोजना काफी मुश्किल भरा रहा, क्योंकि पत्थरों व मिट्टी को काटकर नहर बनाना एक चुनौती भरा कार्य रहा। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त करना भी जरूरी था। वन क्षेत्र से नहर निकलने के लिए जब समय से अनापत्ति-अनुमोदन वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से प्राप्त नहीं हुआ तो वर्ष 2002 में नहर निर्माण का कार्य रूक गया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की लम्बित परियोजनाओं का परीक्षण कराते हुए उत्तर प्रदेश की बाणसागर नहर परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सम्मिलित किया। भारत सरकार ने 2014 में सिंचाई परियोजना के अनुमोदन- स्वीकृति के लिए वन एवं पर्यावरण नीति में आवश्यक संशोधन करते हुए अक्टूबर 2014 में स्वीकृति प्रदान कर दी। इसके बाद नहर निर्माण कार्य तेजी से शुरू हुआ। विन्ध्य रेंज एवं प्रयागराज के असिंचित क्षेत्रों के किसानों के फसलोत्पादन के लिए किसानों के हितैषी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाणसागर नहर परियोजना को शीघ्र पूर्ण करने के लिए सिंचाई विभाग के दायित्व में तेजी लाई।

वर्षों से लम्बित किसानों के कल्याण एवं राष्ट्र के विकास में सहभागी बाणसागर नहर परियोजना के पूर्ण होने पर जनपद मिर्जापुर के 75,309 हेक्टेयर भूमि के किसानों को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा मिली। उसी तरह जनपद प्रयागराज के 74,823 हेक्टेयर भूमि में किसानों को फसलोत्पादन हेतु सिंचाई की सुविधा मिली है। इस तरह कुल 1,50,132 हेक्टेयर भूमि के किसानों को अतिरिक्त सिंचाई की व्यवस्था प्रदेश सरकार ने किया है। बाणसागर नहर परियोजना के पूर्ण हो जाने पर 1.70 लाख से अधिक किसानों को मिली सिंचाई सुविधा से अन्नदाता किसान अब दोगुनी से अधिक फसल उत्पादन कर रहे हैं। इससे किसानों की आय में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है और वे राष्ट्र निर्माण में सहभागी बन रहे हैं।