मनकुन्तो मौला फा हाज़ा अली उन मौला की होती रही महफिलों में गूंज
ईद ए ग़दीर ए खुम पर कहीं सजी महफिल तो जगहाँ जगहाँ खाने पीने के सजे दस्तरख्वान
ईद ए ग़दीर ए खुम के मौक़े पर इस्लामिक माह ज़िलहिज्जा की अट्ठारा को शहर के मुस्लिम इलाक़ो में ज़बरदस्त उत्साह के साथ ईद ए विलायत ए अली का जश्न मनाया गया।करैली,दरियाबाद,बख्शी बाज़ार,रानीमण्डी,दायरा शाह अजमल,चक ज़ीरो रोड,शाहगंज सहित अनेक स्थानो पर जश्न के सिलसिले मे नज़्रो नियाज़,महफिल व दस्तरख्वान सजा कर जश्ने ग़दीर पर खुशियाँ साझा की गई।रानी मण्डी में इमामबाड़ा स्व आफाक़ हुसैन व सूफी हसन के चकय्या नीम स्थित इमाम बारगाह मे केक काट कर जश्न मनाया गया।शाहिद अब्बास रिज़वी,सूफी हसन,हसन अस्करी,शेरु बेग,अरशद,ज़मीर अब्बास,रज़ा अकबर,फितरुस,युसूफ बेग,रिजवान हैदर,हुसैन मेंहदी,मुश्ताक़ हैदर,सै०मो०अस्करी,ज़ामिन हसन,शादाँ,मीसम रिज़वी,आरिफ ज़ैदी,इब्ने अब्बास आदि शामिल रहे। दरियाबाद मे मौलाना आमीरुर रिज़वी के बैतुल हामेदीन मे महफिल का आयोजन किया गया।मौलाना जव्वादुल हैदर रिज़वी की सदारत (अध्यक्षता) व शायर जावेद रिज़वी करारवी की निज़ामत (संचालन) मे शायर आज़म मेरठी,हसनैन मुस्तफाबादी,रौनक़ सफीपुरी,डॉ क़मर आब्दी,नजीब इलाहाबादी,असग़र दरियाबादी,रहबर मुस्तफाबादी आदि शायरों ने अपने अशआर से महफिल को गुलज़ार बनाया।वहीं अन्य जगहों पर हुई महफिल में मौलाना हसन रज़ा ज़ैदी,मौलाना जव्वादुल हैदर रिज़वी,मौलाना रज़ी हैदर,मौलाना कल्बे अब्बास रिज़वी,मौलाना वसी हैदर खाँ,मौलाना मो०ताहिर सहित बड़ी संख्या मे उपस्थित ओलमा ए कराम ने ईद ए ग़दीर की खासियत बयान की।रानी मण्डी मे इमामबाड़ा नक़ी बेग मे महिलाओं की महफिल मे तरहा तरहा की चीज़ो के स्टाल लगा कर लोगों मे तक़सीम किए गए।घरों मे मीठे व्यंजन बना कर लोगों को आमंत्रित कर जश्न ए ग़दीर की मुबारकबाद के साथ महिलाओं की भी महफिलें सजीं। सामाजिक व धार्मिक संस्था उम्मुल बनीन सोसाईटी के महासचिव सै०मो०अस्करी के मुताबिक़ ईद ए ग़दीर हज़रत अली की विलायत के ऐलान का दिन है।आज के ही दिन हज से लौटते वक़्त पैग़म्बरे इसलाम हज़रत मोहम्मद ए मुस्तफा (स०अ०व०)ने खुम के मैदान मे लाखों सहाबा की मौजूदगी मे ऊँट के कजावा को एकत्रित कर मिम्बर बना कर उस पर से हज़रत अली का दोनो हाँथ अपने हाँथो से बलन्द करते हुए कहा मनकुन्तो मौला फा हाज़ा अली उन मौला।(जिसका मैं मौला उसका अली मौला)।हज़रत अली की विलायत का ऐलान को ईद ए ग़दीर ए खुम के नाम से जाना जाता है और इस दिन को सबसे बड़ी ईद के दिन के तौर पर मुसलमान खुशियाँ मनाते हैं।नए नए वस्त्र पहनते हैं घरों मे अच्छे अच्छे पकवान बनाए जाते हैं बड़े अपने छोटों को ईदी भी देते हैं
एक सोच संस्था ने ईद ए ग़दीर पर मलिन बस्ती के बच्चों मे बाँटे कपड़े व खाने के सामान
विधि के छात्रों द्वारा बनाई गई संस्था एक सोच के सदस्यों ने अपने जेब खर्च से बचाए गए पैसों से ग़रीबों को हर प्रकार की सहायता का बेड़ा उठाया हुआ है।सै०अब्बास हुसैन के साथ एक दर्जन से अधिक सदस्य जिसमे हिन्दू व मुस्लिम सभी बढ़ चढ़ कर ग़रीबों के लिए सेवा भाव की मुहिम मे लगातार लगे हुए हैं।आज विधि के छात्रों ने ईद ए ग़दीर के मौक़े पर मलिन बस्ती मे जा कर बच्चों को जहाँ नए नए वस्त्र भेंट किए
वहीं उनहे ईद ए ग़दीर के बारे मे बताते हुए खाने पीने के सामान भी बाँटे।सै०अब्बास हुसैन,आशुतोष कुमार,रमीज़ रज़ा रिज़वी,करन मौर्या,फरदीन खान,प्रत्युश सिन्हा, आसिफ हुसैन,अरुनेश यादव समेत अन्य युवाओं ने मलिन बस्ति के बच्चों संग खुशियाँ साझा कीं।