भगतसिंह का सपना, आज भी अधूरा! जागेंगे छात्र-युवा, उसे करेंगे पूरा
भगतसिंह का सपना, आज भी अधूरा! जागेंगे छात्र-युवा, उसे करेंगे पूरा!
इलाहाबाद, 23 मार्च। दिशा छात्र संगठन और नौजवान भारत सभा की ओर से शहीद-ए-आज़म भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव के शहादत दिवस पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन से चन्द्रशेखर आज़ाद पार्क तक जुलूस निकाला गया। दिशा छात्र संगठन की ओर से छात्रसंघ भवन पर शहीदों की स्मृति में गगनभेदी नारे लगाते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की गई। छात्रसंघ भवन से निकला जुलूस, युनिवर्सिटी चौराहा होते हुए चन्द्रशेखर आज़ाद पार्क पर पहुँचकर सभा में तब्दील हो गया। सभा में शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए गीत गाए गए। सभा में दिशा छात्र संगठन के प्रसेन ने कहा कि भगतसिंह और उनके साथियों को विचार केवल गोरे साहबों के लिए ही नहीं, बल्कि आज़ादी के बाद सत्ता में आने वाले भूरे साहबों के लिए भी खतरनाक थे। यही वज़ह है कि इन क्रान्तिकारियों के विचारों पर उनकी शहादत के बाद से ही धूल-राख डालने का काम किया जाता रहा है। ये क्रान्तिकारी ऐसा समाज बनाने के लिए कुर्बान नहीं हुए थे, जहाँ पर 1 प्रतिशत लोग 73 प्रतिशत सम्पदा के मालिक बन जाएँ और दूसरी छात्र-युवा, महिलाएँ, कर्मचारी, मज़दूर समेत आम जनता का हर तबका परेशान रहे। आँकड़े बता रहे हैं कि कोरोना महामारी के दौर में भी देश के पूँजीपतियों ने अकूत सम्पदा इकट्ठा कर ली, देश को ऊपर के 100 अरबपतियों की संख्या में पिछले 1 साल में 14 लाख करोड़ का इज़ाफ़ा हुआ है। वहीं दूसरी ओर करोड़ों लोग अपने रोज़गार से हाथ धो बैठे। तमाम सरकारी दावों के बावजूद सच्चाई यह है कि देश में रोज़गार की दर में लगातार कमी आ रही है। आज भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव को याद करने का अर्थ उनके सपनों के समाज को बनाने में जुट जाना है। यह जिम्मेदारी आज के छात्रों-युवाओं के कन्धों पर है।
सभा के दौरान “कारवां चलता रहेगा”, “रउरा सासना के बाटे ना जवाब” आदि गीत गाए गए।
सभा एवं जुलूस में दिव्यांशु, अंशुरीश, आसिफ़, धर्मराज, अम्बरीश, मोनिस, अविनाश, सौम्या, शिवा, नीशु, अंजलि, अमित, अभिषेक, हरे राम आदि छात्र शामिल रहे।