इलाहाबाद हाईकोर्ट में केसों की सुनवाई का आड-इवन फार्मूला लागू, बार एसोसिएशन करेगा विरोध

इलाहाबाद हाईकोर्ट में केसों की सुनवाई का आड-इवन फार्मूला लागू, बार एसोसिएशन करेगा विरोध

इलाहाबाद हाईकोर्ट में केसों की सुनवाई का आड-इवन फार्मूला लागू, बार एसोसिएशन करेगा विरोध
प्रयागराज, 27 जून (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने मुकदमों की लिस्टिंग व सुनवाई के लिए आड-इवन फार्मूले को लागू किया है। यह फार्मूला हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को विश्वास में लिए वगैर शुरू करने से बार एसोसिएशन इसका विरोध करेगी।
 
28 जून से अदालतों में लगने वाले सभी मुकदमें आड-इवन नंबर में लिस्ट होंगे। नये दाखिल केस एकलपीठ के समक्ष प्रतिदिन 100 और एडिशनल वाद सूची में 30 केस से अधिक नहीं लगेंगे। ऐसे ही खंडपीठ के समक्ष नये केस 60 और अतिरिक्त सूची में 20 केस ही लगेंगे। सभी केस दाखिले की तिथि के अनुसार आड-इवन नंबर से लगेंगे। जहां बंच केसेस होगे वहां प्रथम लीडिंग केस के आड-इवन देखे जायेंगे। जिस केस की 7 दिन के भीतर तिथि तय है तो उसे उसी जज की पीठ में लगाया जायेगा, जिसने तिथि तय की है। इस नियम के वाबजूद कोर्ट अपने आदेश से किसी केस की तिथि तय कर सुनवाई कर सकेगी।
 
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राधाकान्त ओझा का कहना है कि बार- बेंच का मधुर रिश्ता बेमानी हो गया है। बिना बार एसोसिएशन को विश्वास में लिए नित नये प्रयोग किये जा रहे हैं। हर नया चीफ जस्टिस नया प्रयोग कर रहा है। ऐसी परम्परा उचित नहीं है।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह का कहना है कि मुकदमों की सुनवाई में आड-इवन फार्मूले का बार विरोध करेगी। वकीलों को लिंक नहीं मिल रहा है। महीनों पहले दाखिल मुकदमे कब सुने जायेंगे, पता नहीं चल रहा है। बहस के बजाय तारीख लग रही है। नया फार्मूला पहले से परेशान वकीलों की कठिनाई ही बढ़ाने वाला है।