मिड डे मील बनाने वाले रसोइयों को न्यूनतम वेतन क्यों नहीं - हाईकोर्ट

प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से व्यक्तिगत हलफनामा तलब

मिड डे मील बनाने वाले रसोइयों को न्यूनतम वेतन क्यों नहीं - हाईकोर्ट

प्रयागराज, 10 जुलाई । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश व जिलाधिकारी आजमगढ़ से मिड डे मील योजना के तहत कार्यरत रसोइयों के मानदेय पर व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। पूछा है कि इन्हें समान कार्य समान वेतन के सिद्धांत के तहत न्यूनतम वेतन क्यों नहीं दिया जा सकता। याचिका की सुनवाई 19 जुलाई को होगी।



यह आदेश न्यायमूर्ति नाहिद आरा मुनीस तथा न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने रसोइया संघ ब्लाॅक अहरौला की तरफ से दाखिल याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि रसोइयों को प्रतिमाह एक हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा है। इन्हें रसोइयों के न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाय। सभी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मिड डे मील योजना के तहत याचियों की मानदेय पर नियुक्ति की गई है।



इससे पहले विशेष सचिव बेसिक ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि मानदेय बढ़ाकर दो हजार किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि न्यूनतम वेतन क्यों नहीं दिया जा सकता और प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से रसोइयों के काम का समय और न्यूनतम वेतन देने के मामले में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है।