उप्र सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ बेंच में नियुक्त 798 सरकारी वकीलों को हटाया

586 को मिली नई नियुक्ति

उप्र सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ बेंच में नियुक्त 798 सरकारी वकीलों को हटाया

प्रयागराज, 03 अगस्त । उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में नियुक्त सरकारी वकीलों को बड़ा झटका दिया है। सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के अपर महाधिवक्ता व दो मुख्य स्थाई अधिवक्ता समेत 482 सरकारी वकीलों को हटा दिया है। इसी प्रकार सरकार ने लखनऊ बेंच के दो मुख्य स्थाई अधिवक्ता समेत 316 राज्य विधि अधिकारियों यानी सरकारी वकीलों को हटा दिया है।

राज्य सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट व इसकी लखनऊ बेंच में नियुक्त किए गए 798 सरकारी वकीलों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। सरकार की तरफ से हटाए गए सरकारी वकीलों में से 43 सरकारी वकीलों की एक अलग सूची जारी की गई है, जिसमें उन्हें वर्तमान पद से हटाकर उच्च पद पर पदोन्नति की गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में पदोन्नत हुए सरकारी वकीलों की कुल संख्या 43 है।

सरकारी वकीलों के हटाए जाने की लिस्ट जारी होने के तत्काल बाद एक तीसरी लिस्ट भी जारी हुई जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट में 366 तथा इसकी लखनऊ बेंच में 220 यानी कुल 586 सरकारी वकीलों की नई नियुक्ति की गई है। नवनियुक्त सरकारी वकीलों की सूची में अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता से लेकर स्थाई अधिवक्ता तथा वादधारक शामिल है।



गौरतलब है कि यह आदेश राज्य के विधि एवं न्याय विभाग के विशेष सचिव निकुंज मित्तल की तरफ से जारी किया गया। इस बड़ी कार्रवाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपर महाधिवक्ता विनोद कांत को भी हटा दिया है। साथ ही प्रधान पीठ प्रयागराज में 26 अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता को हटाया गया। 179 स्थाई अधिवक्ताओं की भी छुट्टी हो गई है। 111 ब्रीफ होल्डर सिविल की सेवाएं समाप्त हुई हैं। क्रिमिनल साइड के 141 ब्रीफ होल्डर हटाए गए तथा 47 अपर शासकीय अधिवक्ताओं की छुट्टी हुई है।

आदेश के अनुसार लखनऊ बेंच के दो चीफ स्टैंडिंग काउंसिल की सेवा खत्म कर दी गई है। 33 एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट को हटाया गया हैं। लखनऊ बेंच के क्रिमिनल साइड के 66 ब्रीफ होल्डर को हटाया गया है। 176 सिविल ब्रीफ होल्डर को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। 59 एडिशनल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल और स्टैंडिंग काउंसिल को भी हटाया गया है।