बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रांज मेडल जीतने वाले विजय यादव के गांव में उत्सव
पूरे दिन लोग गांव में पहुंच कर काशी के लाल विजय के माता-पिता को बधाई देते रहे
वाराणसी,03 जुलाई । बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स के क्वार्टरफाइनल में कांस्य पदक जीतने वाले बनारस के लाल जूडो खिलाड़ी विजय यादव के गांव सुलेमापुर में उत्सव सरीखा नजारा है। अपने माटी के लाल की जीत और नागपंचमी के पर्व पर मंगलवार को युवा तिरंगा लहरा कर खुशी जताते रहे। विजय की मां चिंता देवी और पिता दशरथ यादव को लोग दिनभर बधाई देते रहे। मीडिया कर्मी भी खिलाड़ी के गांव जाकर परिजनों से बातचीत के बात उन्हें शुभकामना देते रहे।
इस दौरान पिता दशरथ यादव ने कहा कि मेरा बेटा तो काफी समय से देश के लिए कड़ी मेहनत रातदिन कर रहा था। आज उसकी तपस्या सफल हो गई । अभी उसे और आगे जाना है। मां चिंता देवी के आखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। बोली बहुत खुशी हो रही है। देश और परिवार का नाम रौशन कर रहा है। अभ्यास के लिए कभी साइकिल तो कभी पैदल चलकर जाता था। पिता दशरथ यादव ने बेटे के सपने को साकार करने के लिए लोहे के कारखाने में काम करते थे, लेकिन लकवा लगने पर वाहन चलाते हैं।
विजय के पड़ोसियों ने बताया कि विजय खेल में सफल होने के लिए काफी मेहनत करता है। भोर से अभाव के बावजूद अभ्यास में जुट जाता है। विजय ने 2 एशियन और 4 नेशनल में स्वर्ण पदक जीता है। जूडो खिलाड़ी विजय यादव ने सोमवार देर रात बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स के क्वार्टरफाइनल में ब्रांज मेडल जीता है। विजय ने साइप्रस के पेट्रोस को हराकर यह जीत हासिल की है। विजय ने महज 58 सेकेंड में ही गेम जीत लिया।
विजय की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टृवीट कर बधाई दी। प्रधानमंत्री ने लिखा विजय कुमार यादव ने ब्रांज जीतकर देश को गौरवान्वित किया है। उनकी सफलता खेल के मामले में भारत के भविष्य को बेहतर बनाएगी। आप आने वाले दिनों में ऐसे ही अपना प्रदर्शन जारी रखें। बताते चले कॉमनवेल्थ में जूडो को पहली बार 1990 में शामिल किया गया था। तब से लेकर अभी तक काशी का खाता नहीं खुला था। बनारस में जूडो खेल की शुरुआत लाल कुमार ने 27 साल पहले की थी।