साधना गुप्ता की सैफई परिवार में ऐसे हुई एंट्री

-मुलायम की दूसरी पत्नी की बहू अपर्णा यादव सपा छोड़ अब भाजपा में

साधना गुप्ता की सैफई परिवार में ऐसे हुई एंट्री

लखनऊ, 09 जुलाई । समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का शनिवार को लंबी बीमारी के चलते गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। देश के बड़े सियासी परिवारों में से एक मुलायम सिंह यादव का सैफई परिवार साधना से रिश्ते को लेकर कई बार सुर्खियों में रहा है। इस परिवार में मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी के रूप में साधना गुप्ता की एंट्री की कहानी भी बेहद दिलचस्प है।

मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी थीं। मालती देवी से अखिलेश यादव का जन्म हुआ। मालती देवी का निधन वर्ष 2003 में हो गया। मुलायम ने पहली पत्नी के निधन के बाद ही साधना गुप्ता से शादी की बात स्वीकारी थी। साधना गुप्ता के बेटे का नाम प्रतीक यादव है। वह अखिलेश यादव के सौतेले भाई हैं। प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव हैं। हालांकि वरिष्ठ पत्रकार अरविंद सिंह बिष्ट की बेटी अपर्णा यादव सैफई परिवार से बगावत कर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान सपा छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गयीं हैं। बावजूद इसके वह अपने ससुर मुलायम सिंह यादव से अच्छे रिस्ते की बात करती हैं। भाजपा में नयी पारी शुरू करने के बाद भी मुलायम का पैर छू कर अपर्णा ने आशीर्वाद लिया था।

मुलायम सिंह की पत्नी के रूप सामने आई पहचान

सफाई का यादव परिवार देश के बड़े-बड़े सियासी घरानों में से एक है। सबसे बड़े सियासी कुनबे के रूप में इस परिवार के बारे में कई बार मीडिया में रिपोर्ट किया गया है। उनके परिवार में अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री रहे हैं। वहीं परिवार के अन्य सदस्य भी सक्रिय राजनीति कर रहे हैं। या फिर यूं कहें कि मुलायम के परिवार का लगभग हर सदस्य सक्रीय राजनीति में है। मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी का वर्ष 2003 में लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। बताया जा रहा है कि पहली पत्नी के होते हुए ही मुलायम सिंह यादव ने साधना से गुपचुप शादी की थी लेकिन उन्हें सार्वजनिक रूप से पत्नी के रूप से दर्जा नहीं दिया था। मझे हुए राजनीतिज्ञ मुलायम ने सियासी परिवार पर आंच न आने पाए, इसलिए मौके की नजाकत को देखते हुए साधना को पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया।

परिवार में साधना की एंट्री अखिलेश को नहीं लगी अच्छी

वरिष्ठ पत्रकार विजय उपाध्याय कहते हैं कि वैसे तो साधना गुप्ता एक छोटी महिला कार्यकर्ता के रूप में काम करने के लिए समाजवादी पार्टी में शामिल हुईं थीं। वह पहले से ही शादीशुदा थीं। साधना के पहले पति व्यापारी थे। बाद में कुछ व्यक्तिगत कारणों से साधना अपने पति से अलग हो गयीं। यह सब घटनाक्रम करीब 1980 का है। पहली पत्नी के निधन के बाद जब मुलायम-साधना के रिश्ते की दास्तां सबके सामने आई तो यह बात अखिलेश यादव को अच्छी नहीं लगी। इस परिवार के बेहद करीबी लोगों के माध्यम से मुलायम-साधान और आखिले के बीच की खींचतान समय-समय पर बाहर आती रही है।

साधना की बहू सपा छोड़ भाजपा में हईं शामिल

आपसी खींचतान का ही नतीजा रहा कि अखिलेश यादव और उनके सौतेले भाई प्रतीक यादव कभी एक नहीं दिखाई दिए। जानकार तो यहां तक कहते हैं कि मुलायम सिंह खुद यह नहीं चाहते थे कि अखिलेश और प्रतीक साथ रहें। अगर साथ रहेंगे तो दोनों के बीच रार बढ़ेगी। इसलिए वह अलग ही रहें तो बेहतर है। अखिलेश को राजनीतिक विरासत सौंप दी। प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव राजनीतिक करना चाह रही थीं। उन्हें सपा में वह स्थान नहीं मिल पा रहा था। लिहाजा अपर्णा ने अखिलेश यादव और उनकी पार्टी से दूरी बना ली। अब सपा के बजाए वह भाजपा से जुड़कर राजनीति कर रही हैं।