सामाजिक कार्यकर्ता पत्रकार रूपेश पांडेय का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन

सामाजिक कार्यकर्ता पत्रकार रूपेश पांडेय का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन


-विचारकों एवं सामाजिक संगठनों के शीर्ष नेतृत्व के रहे निकट, सोशल मीडिया पर भी शोक संवेदना का लगा तांता

वाराणसी, 01 दिसम्बर (हि.स.)। नगर के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार रूपेश पांडेय का पार्थिव शरीर रविवार शाम मोक्षतीर्थ मणिकर्णिकाघाट पर पंचतत्व में विलीन हो गया। घाट पर उनके छोटे भाई रत्ननेश पाण्डेय ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी और नगर के पत्रकार शामिल हुए। सोशल मीडिया के जरिए भी उनके शुभचिंतक शोक जताते रहे।

रूपेश पांडेय ने शनिवार देर रात अपने पाण्डेयपुर पैतृक आवास पर अंतिम सांस ली। वे विगत दो वर्षो से असाध्य रोग ब्रेन ट्यूमर, पैरालाइसिस से ग्रसित थे। उनका इलाज लखनऊ पीजीआई, दिल्ली एम्स में भी हुआ लेकिन डाक्टरों ने हाथ खड़ा कर लिया। विगत 6 माह से घर पर परिजन ही सेवा कर रहे थे। बहुमुखी प्रतिभा के धनी पत्रकार, विचारक, अंदोलनों के नेतृत्वकर्ता के निधन की जानकारी पाते ही शुभचिंतक उनके आवास पर शोक संवेदना जताने पहुंचे। शोकाकुल पिता कृपा शंकर पाण्डेय से मिल संवेदना जताते रहे।

रूपेश पांडेय पत्रकारिता, सामाजिक क्षेत्र में बेहद सक्रिय रहते थे। वाराणसी में एक प्रात:कालीन समाचार पत्र से पहली बार मीडिया हाउस से जुड़ कर पत्रकारिता का आगाज किया। हालांकि उससे पहले भी वे लिखा करते थे। राजीव दीक्षित के साथ मिलकर आजादी बचाओ आंदोलन संगठन के संस्थापक रहे। वे पूर्व प्रधानमंत्री अब स्मृतिशेष चंद्रशेखर, समाजवादी पुरोधा स्मृतिशेष जार्ज फर्नांडीज, देश के वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री राम बहादुर राय, गोविंदाचार्य ,संजय जोशी, हृदय नरायण दीक्षित, राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य आदि के बेहद नजदीकी रहे। जीवन काल में कई आंदोलनों से जुड़े।

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