देवदीपवाली का पर्व सनातन धर्म और संस्कृति का जीवंत प्रमाण : ओंकारनाथ त्रिपाठी
देवदीपवाली का पर्व सनातन धर्म और संस्कृति का जीवंत प्रमाण : ओंकारनाथ त्रिपाठी
प्रयागराज, 19 नवम्बर। देवदीपावली के अवसर पर शुक्रवार को जहां लोगों ने संगम व गंगा स्नान में डुबकी लगाकर मंदिरों में दर्शन किये। वहीं जिला कचहरी न्यायालय परिसर में स्थित न्याय धाम मंदिर में सरस्वती माता, हनुमान जी, ब्रह्मा जी, गणेश जी एवं लक्ष्मी माता की विधिवत पूजा की गई।
इस अवसर पर हिन्दी अधिवक्ता मंच के संयोजक ओंकार नाथ त्रिपाठी ने कहा कि देवदीपावली सनातन धर्म व संस्कृति का जीवंत प्रमाण है। ज्ञान की देवी सरस्वती माता प्रभु हनुमान जी, भगवान गणेश, ब्रह्मा, माता लक्ष्मी जी की प्रतिमा की दिव्य और भव्य पूजा की गई। मुख्य पूजा सरजू प्रसाद द्विवेदी अधिवक्ता, पंडित सुरेश द्विवेदी, पंडित विद्याभूषण द्विवेदी, सुनील शुक्ला, संजू पांडे आदि ने किया। अधिवक्ता दिलीप सिंह ने प्रतिमाओं का भव्य श्रृंगार किया।
पंडित सरजू प्रसाद द्विवेदी और सुरेश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि माता सरस्वती, भगवान गणेश और हनुमान जी बुद्धि के देवता हैं। इसलिए न्यायालय परिसर में इनकी पूजा होनी ही चाहिए। मुख्य पुजारी पंडित दिगंबर प्रसाद त्रिपाठी, शेषचंद्र शुक्ला और सुनील शुक्ला रहे। अंत में अभिषेक सिंह, विशाल साहनी, अमित नायक ने प्रस्ताव रखा कि हर वर्ष माता सरस्वती जी की डोली पालकी यात्रा निकाली जानी चाहिए। बीच में यह परम्परा कोरोना की वजह से रुक गई थी, लेकिन आगे इसे पुनः चालू किया जाना चाहिए।