बस से रोमानिया बार्डर पहुंची जौनपुर की गरिमा
24 घण्टे लगे 12 सौ किलोमीटर की दूरी तय करने में छात्रों को वतन वापस लौटने की जगी उम्मीद
जौनपुर, 03 । खेतासराय थाना क्षेत्र के यूक्रेन में फंसी भारतीय छात्रा गरिमा पांडेय मेडिकल के छात्रों के समूह के साथ बुधवार की देर शाम रोमानिया बार्डर पहुंची। गरिमा पाण्डेय को अब वतन वापस लौटने की उम्मीद जग गई है। फिलहाल गरिमा को छात्रों के समूह में बार्डर पर शेल्टर होम में रखा गया है ।
क्षेत्र के शाहापुर गांव निवासी डाॅ गजेन्द्र पाण्डेय की पुत्री यूक्रेन के डेनिपरो यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस चतुर्थ वर्ष की छात्रा है। डेनिपरो राजधानी कीव के निकट है। रूस द्वारा बमबारी शुरू हो जाने के बाद भारतीय दूतावास ने कीव और खरकीव से छात्रों को अपने संसाधन से निकल जाने की एडवाइजरी जारी की थी।
सोमवार से ही गरिमा और उनके साथी छात्रों का दल वहां से बस द्वारा किसी सुरक्षित बॉर्डर तक पहुंचने की फिराक में था। पहले हंगरी बार्डर जाने का इरादा था। ड्राइवर द्वारा इंकार कर देने पर बुधवार को 20 छात्रों के समूह के साथ गरिमा पाण्डेय डेनिपरो से रोमानिया बार्डर के लिए बस द्वारा रवाना हुई। प्रति छात्र 15 हज़ार रुपए में बस डेनिपरो से 1200 किलोमीटर दूर रोमानिया बार्डर पहुंची। बस में भारतीय झंडा लगा हुआ था। रास्ते भर सभी छात्र भगवान से सुरक्षित बार्डर तक पहुंचने की प्रार्थना कर रहे थे। भारत में पिता डाॅ गजेन्द्र पाण्डेय, माँ रंजना पाण्डेय व परिवार के अन्य सदस्य हर घण्टे गरिमा का हाल लेते रहे।
यूक्रेन से बार्डर तक पहुंचने में करीब 24 घण्टे का समय लगा। बस कई स्थानों पर रुकना पड़ा। कहीं जांच के लिए तो कहीं सायरन की आवाज़ आने पर आसपास बंकर में जाना पड़ा। रोमानिया बार्डर पर पहुंचे सभी छात्रों को शेल्टर रूम में रखा गया है। भारतीय दूतावास की तरफ से खाना पीना तथा परिजनों से बात करने के लिए सिम कार्ड भी उपलब्ध कराया गया है। गरिमा ने बताया कि अब यहां पहुँच कर वतन वापसी की उम्मीद जग गई है। उम्मीद है शनिवार या रविवार तक भारत आने के लिए फ़्लाइट उपलब्ध हो जाए।