प्राण प्रतिष्ठा पर टिप्पणी करने वालों को शंकराचार्य अधोक्षजानंद ने बताया अज्ञानी
प्राण प्रतिष्ठा पर टिप्पणी करने वालों को शंकराचार्य अधोक्षजानंद ने बताया अज्ञानी
गोवर्धन (मथुरा), 07 जनवरी । गोवर्धन पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने उन लोगों पर निशाना साधा है, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का विरोध किया है। जगद्गुरु देवतीर्थ ने ऐसे लोगों को अज्ञानी बताया है और कहा है कि उन्हें देश की जनता से मांफी मांगनी चाहिए।
अखण्ड भारत यात्रा के तहत थाईलैंड और कंबोडिया की यात्रा से गोवर्धन स्थित श्री आद्य शंकराचार्य आश्रम वापस लौटे शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ आज पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का विरोध करने वालों में शामिल एक संत ने तो प्रधानमंत्री मोदी के श्रीराम की मूर्ति छूने पर भी एतराज जताया है और कहा है कि प्रधानमंत्री मूर्ति स्पर्श करेंगे और हम तालियां बजाएंगे।
शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद ने कहा कि इस तरह के बयान अज्ञानता के परिचायक हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को देश की 140 करोड़ जनता ने प्रधानमंत्री के रुप में चुना है और वह सम्पूर्ण भारतवासियों के प्रतिनिधि हैं। सनातन शास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख है कि जो भी शासक होगा, वह जनता का प्रतिनिधि होगा। ऐसे में उक्त संत द्वारा प्रधानमंत्री के विरोध में की गई टिप्पणी देश की 140 करोड़ जनता का अपमान है।
जगद्गुरु देवतीर्थ ने कहा कि श्री अयोध्याधाम में भगवान श्रीराम मंदिर का निर्माण हो रहा है और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा है। इसको लेकर भारत और देश के बाहर रहने वाले सभी सनातनियों में उल्लास है और सब खुशियां मना रहे हैं। ऐसे में कुछ नकारात्मक सोच वाले लोग गलत टिप्पणियां कर रहे हैं, जो निंदनीय है। उन्होंने कहा कि त्रेता युग में जब श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ था उस समय भी कुछ अज्ञानी इसी तरह अपना अस्तित्व बचाने में लगे थे।
स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मंदिर निर्माण के लिए धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि मोदी और योगी की दृढ़ इच्छा शक्ति से ही प्रभु श्रीराम का मंदिर तीव्र गति से बन रहा है और श्रीराम अपने महल में विराजमान होने जा रहे हैं।