लखनऊ, 29 जून । राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने मंगलवार को राजधानी लखनऊ में भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर ने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने के लिए बहुत काम किया। उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने भगवान बुद्ध के करुणामय संदेश को अपनी विचारधारा का मुख्य आयाार बनाया।
राष्ट्रपति ने कहा कि बाबा साहब कहते थे कि सरकार का मिशन सबकी भलाई होनी चाहिए। इसी कारण सभी सरकार को उनके अनुभव का अनुसरण करना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि आज लोग हिंदू-मुस्लिम की बात करते हैं, लेकिन डॉ. भीमराव आंबेडकर का मानना था कि हम सब पहले और बाद में भी केवल भारतीय हैं।उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने आज से 93 वर्ष पहले समता नामक साप्ताहिक समाचार पत्र निकालकर समता मूलक समाज की रचना की थी। वह अंग्रेजों के खिलाफ समता का जोरदार प्रयोग करते थे। अपनी बात कहने के लिए उन्होंने 29 जून 1928 को समता को बड़ा मंच बनाया था। राष्ट्रपति ने कहा कि बाबा साहब ने संविधान की प्रस्तावना में भी समता का जिक्र किया है। इस तरह उनकी पूरी जीवन यात्रा समता मूलक समाज में ही व्यस्त रही।
रामनाथ कोविन्द ने कहा कि राष्ट्रनिर्माण में बाबा साहब का योगदान अहम रहा है। केंद्र सरकार ने डॉ. आंबेडकर से जुड़े स्थलों को तीर्थ के रुप में विकसित किया और अब उप्र की योगी सरकार राजधानी लखनऊ में भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण कर रही है। इससे बाबा साहब के विचारों का प्रवाह और आगे बढ़ेगा। अपने सम्बोधन में राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि बाबा साहब का लखनऊ से बड़ा ही अंतरंग का सम्बंध था। वह अपने जीवन काल में लखनऊ बार-बार आया करते थे। लखनऊ उनके लिए बड़ी ही स्नेही भूमि रही। वह यहां की संस्कृति को बहुत प्रिय बताते थे।
डॉ. भीमराव आम्बेडकर सभी के लिए प्रेरणापुंज : आनंदीबेन पटेल
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि डॉ. भीमराव आम्बेडकर असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे। वे सभी के लिए प्रेरणापुंज हैं। छूआछूत को खत्म करने और वंचितों को न्याय दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष किया। वे भारतीय संविधान के शिल्पकार थे।
योगी बोले- डॉ. आंबेडकर के विचारों पर चल रही उप्र सरकार
कर्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर के विचारों पर चल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र के साथ बाबा साहब के संदेश को जन-जन तक पहुंचा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज डॉ. भीमराव आंबेडकर के मानने वाले पूरी दुनिया में फैले हैं। राजधानी लखनऊ में भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर की स्मृति में जो स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र बनने जा रहा है उसके माध्यम से उनकी विचारधारा वैश्विक स्तर पर जाएगी।
योगी ने भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास करने के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के प्रति आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर डॉ. भीमराव आंबेडकर की स्मृति में केंद्र सरकार द्वारा पंचतीर्थ स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी धन्यवाद दिया।
संस्कृति मंत्री ने किया स्वागत
पूर्व में प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति और धर्मार्थ कार्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। अपने स्वागत भाषण में डॉ. तिवारी ने कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर ने राष्ट्रीय चेतना और राष्ट्र की दिशा तय की थी। उनकी स्मृतियों को सहेजने के लिए डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की जा रही है।
ऐशबाग में बनेगा डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र
भारत रत्न डॉ भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र राजधानी लखनऊ के ऐशबाग में 1.34 एकड़ जमीन में बनेगा। इसमें बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की 25 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई जाएगी। साथ ही बाबा साहब की पवित्र अस्थियों के कलश को भी यहां दर्शन के लिए रखा जाएगा। इस स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र में 750 दर्शक क्षमता वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम बनेगा। इसके अलावा आभाषी संग्रहालय, पुस्तकालय, शोध केंद्र, डॉरमेट्री, कैफेटेरिया समेत अन्य आवश्यक सुविधाएं भी यहां विकसित की जाएंगी। इसके निर्माण में 45.04 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इस अवसर पर लोकभवन के अंदर शंखनाद के साथ वैदिक मंत्रों का पाठ हो रहा था तो बाहर राष्ट्रपति के स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जा रहे थे। कार्यक्रम में उप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा और प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति और धर्मार्थ कार्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी भी उपस्थित रहे।