प्रदेश के स्थिति की वास्तविकता, बयानबाजी से भिन्न है : प्रमोद तिवारी

प्रदेश के स्थिति की वास्तविकता, बयानबाजी से भिन्न है : प्रमोद तिवारी

प्रदेश के स्थिति की वास्तविकता, बयानबाजी से भिन्न है : प्रमोद तिवारी

लखनऊ, 14 अक्टूबर। कांग्रेस के वर्किंग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के स्थिति की वास्तविकता, बयानबाजी से कहीं ज्यादा भिन्न है। प्रदेश में बिजली का संकट दिन प्रतिदिन गहराता जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार तमाम घोषणायें करके तथा टीवी चैनल्स और अखबारों में बयानबाजी करके अपनी इतिश्री न समझे। सरकार, प्रदेश की स्थिति को संभाले, अन्यथा प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा लम्बे समय तक बिजली संकट का शिकार होता रहेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार कोयले को खरीदें और तापीय विद्युत परियोजनाओं को चलाये। जो कोयले का अप्राकृतिक संकट पैदा करने के लिये जिम्मेदार हो, उन्हें तत्काल गिरफ्तार करके उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही कराये।

केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने नये नियम में सीमा सुरक्षा बल को यह अधिकार दे दिया है कि वह सीमा से 50 किलोमीटर अन्दर तक गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती कर सकती है। इस नियम से केन्द्र और प्रदेश के अधिकारों पर ओवर लैपिंग होगी।

उन्होंने कहा कि पंजाब और राजस्थान सहित पूर्वोत्तर के तमाम राज्य की सीमायें 50 किलोमीटर तक के दायरे में लगभग उस प्रदेश के बहुत जगहों पर बराबर होंगे। यदि दो ओर की सीमाओं पर सीमा सुरक्षा बल होगी तो 100 किलोमीटर का उनका दायरा होगा।

यह बहुत ही संवेदनशील और खतरनाक तथा भ्रम पैदा करने वाली स्थिति होगी। अरुणांचल प्रदेश, सिक्किम, नागालैण्ड, मेघालय, असम, पंजाब, जम्मू कश्मीर, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को एक धधकती आग में ढकेलना होगा।