प्रयागराज के द्वादश माधव मंदिरों के जीर्णोद्धार व पहुंच मार्ग को लेकर याचिका दाखिल

22 जुलाई को होगी सुनवाई

प्रयागराज के द्वादश माधव मंदिरों के जीर्णोद्धार व पहुंच मार्ग को लेकर याचिका दाखिल

प्रयागराज, 19 मई । तीर्थराज प्रयाग मैं स्थित द्वादश माधव मंदिरों के जीर्णोद्धार एवं वहां तक आने-जाने के लिए मार्ग बनाने को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका पर सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस राजेश बिंदल व जस्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ ने याची को एक संशोधित याचिका दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने इसी के साथ इस जनहित याचिका पर 22 जुलाई को सुनवाई करने को कहा है।

यह जनहित याचिका संत हरी चैतन्य ब्रह्मचारीजी महाराज व अन्य की तरफ से दाखिल की गई है। याचिका पर अधिवक्ता वी सी श्रीवास्तव ने याची की तरफ से अपना पक्ष रखा तथा कहा तीर्थराज प्रयाग में द्वादश माधव मंदिरों का अपना एक अलग महत्व है। वहां संतों, महात्माओं, तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए इन मंदिरों का जीर्णोद्धार व पहुंच मार्ग बनाना जरूरी है।

ज्ञात हो कि प्रयागराज के प्रधान देवता माधव है। द्वादश माधव मंदिरों को पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुंभ के दौरान राज्य सरकार ने एक योजना बना रखी थी। राज्य सरकार की योजना थी कि इन मंदिरों का जीर्णोद्धार तथा वहां तक पहुंचने के लिए सड़क बनाई जाए। सरकार ने पर्यटन विभाग को 2.96 करोड़ रुपए द्वादश माधव मंदिरों के अलावा कुछ अन्य प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए बजट पास हुआ। हालांकि इस पैसे से कुछ ही मंदिरों में काम हो सका। मंदिरों तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग नहीं है।

ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के निर्माण के बाद परमपिता ब्रह्माजी ने द्वादश माधव की स्थापना की थी। वर्ष 1987 से पूर्व किसकी परिक्रमा होती रही है। परंतु 1987 के बाद प्रयागराज स्थित द्वादश माधव मंदिरों की परिक्रमा बंद हो गई।