2022 में बाइसिकिल की अंतिम विदाई के लिए जनता बेताब:सिद्धार्थ नाथ सिंह

नई हवा में सपा का कहीं नामोनिशान भी नहीं : सिद्धार्थनाथ

2022 में बाइसिकिल की अंतिम विदाई के लिए जनता बेताब:सिद्धार्थ नाथ सिंह

 08 अगस्त। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और योगी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से सवाल किया है कि वह इतना झूठ कहां से लाते हैं ? कहीं आपने किसी झूठ के विश्वविद्याल से तो पढ़ाई नहीं की है ? आपकी नीतियां इतनी ही मानवीय, सौहार्दपूर्ण और जनहितकारी रहीं हैं तो जनता लगातार हर चुनाव में आपको खारिज क्यों कर रही है ?



बकौल सिद्धार्थ नाथ सच तो यह है कि अखिलेश यादव का पूरा शासन काल अराजकता का पर्याय था। लोग उस अराजकता को न भूले हैं, न कभी भूलेंगे। रही बात सपने देखने की तो आप देखते रहिए। सच सबको पता है और आपको भी।



उप्र के कैबिनेट मंत्री ने दावा किया बाइस में बाइसिकिल को लोग अंतिम रूप से विदा करने को बेताब हैं। उन्होंने सपा मुखिया से कहा है, ‘‘आप जिस नयी हवा की बात कर रहे हैं, उसमें कहीं भी सपा का कोई नामों निशान नहीं है।’’



सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि अखिलेश यादव कब, कहां और क्या बोल जाएं कोई ठिकाना नहीं। कभी तो वह कहते हैं कि मैं पूजा-पाठ में यकीन नहीं करता, कभी खुद को सबसे बड़ा पुजारी, ध्यानी घोषित करते हैं। उनके लिए वर्ग विशेष सिर्फ वोट बैंक है। वोट के सिवा उन्होंने कभी किसी की कोई चिंता नहीं की।



योगी के मंत्री ने कहा कि लोगों की मीठी जुबान भी अब सपा मुखिया को कड़वी लग रही है। उन्होंने कहा कि अब्बाजान तो उर्दू में बेहद सम्मान का शब्द है। कहने में भी अच्छा और आत्मीय लगता है। फिर भी अखिलेश अब्बाजॉन कहने पर ऐसे लाल-पीले हो रहे हैं मानों यह कोई गाली हो। वैसे भी आप अपने पिताजी को पिताजी नहीं पापा कहते हैं और वह आपको टीपू। यह तो अंग्रेजी से प्यार और मीठी जुबान ऊर्दू से नफरत वाली बात हो गयी। कहां गया आपका वर्ग विशेष के प्रति प्रेम ? क्या यह भी सिर्फ दिखावा है।



दरअसल अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में कहा है कि सपा की मानवीय, सौहार्दपूर्ण और जनहितकारी नीतियों में जनता का भरोसा लगातार बढ़ता जा रहा है। नतीजतन विभिन्न दलों के लोग सपा से लगातार जुड़ रहे हैं। मैं इन सभी लोगों का स्वागत करता हूं। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अखिलेश के ट्वीट का जवाब देते हुए सपा मुखिया से कुछ सवाल भी किया है।