पीजीआई में भर्ती मंत्री नन्दी गोपाल नंदी ने शेयर की अपने संघर्षों की कहानी

पीजीआई में भर्ती मंत्री नन्दी गोपाल नंदी ने शेयर की अपने संघर्षों की कहानी

पीजीआई में भर्ती मंत्री नन्दी गोपाल नंदी ने शेयर की अपने संघर्षों की कहानी

लखनऊ, 25 जून । उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी पिछले तीन दिनों से एसजीपीजीआई में भर्ती हैं। शुक्रवार को हुए ऑपरेशन के बाद स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। लेकिन फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम के जरिए अपने समर्थकों व शुभचिंतकों से जुड़े हुए हैं। शनिवार की शाम मंत्री नन्दी ने अपने शादी की फोटो के साथ ही मैरेज सर्टिफिकेट को पोस्ट किया, जो 27 मई 1994 का है, जिसे मिर्जापुर जनपद के मैरेज ऑफिसर ने जारी किया है। मंत्री नन्दी ने पत्नी अभिलाषा गुप्ता नन्दी के साथ अपने जीवन के संघर्षों को भावनात्मक शब्दों में व्यक्त किया।


मंत्री नन्दी ने अपने शादी की जो फोटो पोस्ट की है, उसे उनके किसी मित्र ने वॉट्सएप पर भेजा था। तस्वीर को पोस्ट करते हुए मंत्री नन्दी ने लिखा कि यह तस्वीर अपने आप में एक भावुक कहानी समेटे है! कहानी एक सफर की जिसने असंभव से संभव के बीच के फासले को खत्म किया है! इस सफर में मनोकामना पूर्ति शिव मंदिर भगवान भोलेनाथ की कृपा से जब जो माँगा वह मिलता चला गया!

हमारा घर और संसार था वो छोटा सा कमरा

मंत्री नन्दी ने लिखा है कि इस तस्वीर के सहारे जब अतीत में मुड़कर देखता हूँ तो याद आता है वो छोटा-सा कमरा जो हमारा घर और हमारा संसार था! उसी छोटे से कमरे में विवाह की सारी रस्में हुई थीं और हमने जीवन भर साथ चलने के लिए एक-दूसरे का हाथ थामा था!


अभिलाषा जी ने जीवन के हर मोड़ और हर कदम पर अपने दाम्पत्य की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया! 2010 में बम ब्लास्ट का समय तो ऐसा था जब सबकुछ टूटकर बिखर जाता लेकिन अपनी जीवटता से उन्होंने न केवल परिवार को संभाला बल्कि अपनी निरन्तर सेवा से मुझे भी नया जीवन दिया!


आगे चलकर राजनैतिक रूप से सक्रिय होने और मेयर चुने जाने के बाद भी उन्होंने जनसेवा व पारिवारिक दायित्वों के बीच संतुलन बनाया! एक जनप्रतिनिधि की भूमिका में भी सदैव अव्वल रहीं और आगे बढ़कर लोगों की सेवा को ही ध्येय बनाया!


आज किसी ने जब करीब ढाई दशक पुरानी यह तस्वीर व्हाट्सऐप पर भेजी तो प्रतिकूलताओं और संघर्ष का प्रत्येक उतार-चढ़ाव आँखों के सामने जीवन्त हो उठा! सौभाग्यशाली हूँ कि एक जीवनसाथी के रूप में अभिलाषा जी का साथ मिला जिन्होंने कभी शिकवा-शिकायत नहीं की! हमारे हर निर्णय में चट्टान की तरह अडिग साथ रहीं।