इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को बनाया था बंधक : केशव प्रसाद मौर्य

इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को बनाया था बंधक : केशव प्रसाद मौर्य

इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को बनाया था बंधक : केशव प्रसाद मौर्य

प्रयागराज, 25 जून। देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को बंधक बनाने का काम किया था। उक्त बातें उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को मेहता प्रेक्षा गृह मेडिकल कॉलेज परिसर में संगोष्ठी एवं लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा।

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने न्यायपालिका के आदेश के विरोध में जाकर अपनी राजनीतिक मंशा को अमलीजामा पहनाने के लिए इस देश के अंदर लोकतंत्र की हत्या करते हुए आपातकाल का काला इतिहास रचने का काम किया। लेकिन लोकतंत्र की रक्षा करने वाले लोकतंत्र सेनानियों ने इंदिरा गांधी के फैसले का विरोध करते हुए लाठियां खाई जेल गए संघर्ष किया पर तानाशाह इंद्रा गांधी के हुकूमत आगे झुके नहीं।

उन्होंने आगे कहा कि आज भी कांग्रेस की वही मानसिकता है, 1975 वाली जो अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए लोकतंत्र का गला घोंटने का कार्य कर रही है। राहुल गांधी श्रीमती सोनिया गांधी के ऊपर रेहाल्ड मामले के आरोप को लेकर ईडी जांच एजेंसियां जब कार्य कर रही हैं तो भारी भीड़ इकट्ठा करके जांच एजेंसियों के ऊपर दबाव बनाने का कार्य कर रहे हैं। जबकि भारतीय जनता पार्टी के हमारे नेता नरेंद्र मोदी के ऊपर विभिन्न आरोपों को लेकर जब जांच एजेंसियां कार्यवाही कर रही थी तो भारतीय जनता पार्टी ने लोकतंत्र की मर्यादा को पालन करते हुए ऐसा कोई कार्य नहीं किया क्योंकि जो गलत होता है वही जांच एजेंसियों से डरता है। आज राहुल गांधी सोनिया गांधी डरे हुए हैं। क्योंकि उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का पाप आज उनके सामने आ रहा है। लोकतंत्र की रक्षा करते हुए जिस प्रकार से प्रयागराज के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी उसी प्रकार प्रयागराज के इस पावन धरती से हजारों लोकतंत्र सेनानियों ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी।

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष विधान परिषद सदस्य एवं लोकतंत्र सेनानी लक्ष्मण आचार्य ने कहा कि हम लाठियां खाते रहे और मातरम् का गीत गाते रहे पर हार नहीं माने। इस अवसर पर लोकतंत्र सेनानी ब्रह्मानंद ओझा एवं नरेंद्र पांडे ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि हम लोग लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए जेल गए थे और हमारे परिवार वाले हमारी गिरफ्तारी के बाद बेचैनी से हो गए, क्योंकि जेल के अंदर हमें इतनी यातना दी जा रही थी कि कब हमारे प्राण निकल जाएं यह पता नहीं था फिर भी किसी बात की चिंता ना करते हुए फिर भी हम लोग लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर दुख सहते रहे पर हार नहीं मानी

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए गणेश केसरवानी ने कहा कि इंदिरा गांधी ने अपनी राजनीतिक मंसा को पूर्ण करने के लिए 25 जून 1975 को आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या करते हुए पूरे देश को जेल बना दिया जिसे देश कभी नहीं भूल सकता। संगोष्ठी का संचालन कुंज बिहारी मिश्रा ने किया,समापन प्रेम नारायण केसरवानी ने किया।

इस अवसर पर मुख्य रूप से विधान परिषद सदस्य सुरेंद्र चौधरी, विधायक हर्षवर्धन बाजपेई, अवधेश चंद्र गुप्ता, पूर्व विधायक प्रभा शंकर पांडे, दीपक पटेल, राजेश राजभर, शैलेंद्र मौर्य, शशि वार्ष्णेय, वरुण केसरवानी,राजेश केसरवानी, रमेश पासी,राजू पाठक, गिरजेश मिश्रा, राघवेंद्र सिंह, सचिन जायसवाल, सुभाष वैश्य, राजन शुक्ला, विश्वास श्रीवास्तव, पवन मिश्रा, शिखा रस्तोगी,शिखा खन्ना अजय अग्रहरि आशीष जायसवाल मनोज मिश्रा एवं भारतीय जनता पार्टी के सभी मोर्चा प्रकोष्ठ प्रकल्प के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे।